________________
जैन मुनि के व्रतारोपण की त्रैकालिक उपयोगिता
नव्य युग के संदर्भ में जैन विधि-विधानों का तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन विषय पर
( डी. लिट् उपाधि हेतु प्रस्तुत शोध प्रबन्ध)
खण्ड - 4
2012-13
R.J. 241 / 2007
णाणस्स
"सारमावारी
शोधार्थी डॉ. साध्वी सौम्यगुणा श्री
निर्देशक
डॉ. सागरमल जैन
जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय लाडनूं- 341306 (राज.)