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________________ वर्ष आचार्य वि.सं. क्र. ग्रन्थ का नाम लेखक/संपादक प्रकाशक h66. श्रावकधर्मविधिप्रकरण महो. विनयसागर प्राकृत भारती 2001 अकादमी, जयपुर 167. श्राद्धविधिप्रकरण रत्नशेखरसूरि जिनाज्ञा प्रकाशन, वापी वि.सं. |2056 168. श्रावकप्रज्ञप्ति भारतीय ज्ञानपीठ, नई हरिभद्रसूरि, संपा. दिल्ली |2038 बालचन्द्र शास्त्री 169.श्रावकाचारसंग्रह पं. हीरालाल जैन जैन संस्कृति संरक्षक 1988 शास्त्री संघ, सोलापुर h70. श्रावक सामायिक सं. पार्श्व मेहता सम्यग्ज्ञान प्रचारक प्रतिक्रमणसूत्र मंडल, जयपुर 171. श्रावकचर्या सं. पवनजैन डॉ. पन्नालाल जैन ग्रन्थमाला, जबलपुर 172.हरिवंशपुराण आ. जिनसेन, अनु. भारतीय ज्ञानपीठ, नई डॉ. पन्नालाल जैन दिल्ली 173.हीरप्रश्न सं. राजशेखरसूरि अरिहंत आराधक ट्रस्ट 1999 हिन्दुस्तान मिल स्टोर्स, गनी अपार्ट, मुंबई-आगरा रोड भिवंडी 1990 2000 सं. मधुकरमुनि 174./त्रीणि छेदसूत्ताणि | (दशाश्रुतस्कन्ध) 175. ज्ञानार्णव शुभचन्द्राचार्य आगम प्रकाशन समिति, 1992 ब्यावर परमश्रुतप्रभावक मंडल, असाग |आगम प्रकाशन समिति वि.सं. ब्यावर 2518 176. ज्ञाताधर्मकथासूत्र संपा. मधुकरमुनि
SR No.006240
Book TitleJain Gruhastha Ke Vrataropan Sambandhi Vidhi Vidhano ka Prasangik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, C000, & C999
File Size37 MB
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