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________________ चूड़ाकरण संस्कार विधि का उपयोगी स्वरूप ... 171 चूड़ाकरण संस्कार का तुलनात्मक विवेचन विधि संदर्भों में यदि हम पूर्वोक्त विवरण के आधार पर चूड़ाकरण संस्कार विधि का तुलनात्मक दृष्टि से विचार करते हैं तो इस संस्कार की मौलिकता और विशिष्टता भी हमारे समक्ष उभरकर आती है। वह विवरण इस प्रकार है नाम के अनुसार - श्वेताम्बर, दिगम्बर एवं वैदिक इन तीनों परम्पराओं में क्रमश: चूड़ाकरण, चौलकर्म और चूड़ाकर्म- ये नाम दिए गए हैं। इनमें शाब्दिक दृष्टि से सामान्य अन्तर अवश्य है, परन्तु अर्थ की अपेक्षा कोई भेद नहीं है। क्रम के अनुसार - श्वेताम्बर में चूड़ाकरण नाम का ग्यारहवाँ संस्कार है। दिगम्बर मत में इस संस्कार को बारहवाँ स्थान दिया गया है वहीं वैदिक परम्परा में इसका उल्लेख नौवें क्रम पर है। इस प्रकार क्रमिक दृष्टि से तीनों परम्पराओं में वैभिन्य हैं। अधिकारी के अनुसार - श्वेताम्बर एवं दिगम्बर मतानुसार जैन ब्राह्मण या द्विज को इस संस्कार का कर्त्ता नियुक्त किया गया है तथा वैदिक मत में इसका अधिकारी पिता को माना गया है। दिन के अनुसार- तीनों परम्पराएँ इस संस्कार के लिए शुभदिन आदि का विचार करती हैं। विशेषत: श्वेताम्बर और दिगम्बर ग्रन्थों में इसकी विस्तृत चर्चा की गई हैं। समय के अनुसार- श्वेताम्बर परम्परा में इस संस्कार के समय का निश्चित निर्धारण नहीं किया गया है, किन्तु दिगम्बर एवं वैदिक मत में सामान्यतया इसका काल एक वर्ष से लेकर पाँच वर्ष तक माना गया है। मन्त्र के अनुसार- तीनों परम्पराएँ केशमुण्डन के समय मन्त्रोच्चार करने को अनिवार्य मानती हैं, अतएव तत्सम्बन्धी ग्रन्थों में मन्त्र पाठों का उल्लेख भी है। वैदिक ग्रन्थों में दाएं-बाएं एवं पृष्ठभाग सम्बन्धी तीन प्रकार के मन्त्र कहे गए हैं, किन्तु तीनों आम्नायों में मन्त्र पाठ को लेकर भिन्नता है। स्थान के अनुसार- श्वेताम्बर, दिगम्बर एवं वैदिक- ये तीनों परम्पराएँ मस्तक-मुंडन के लिए निश्चित स्थान का चुनाव करती हैं। उनमें यह कृत्य कुल देवता का मन्दिर, वन, पर्वत या गृह पर किये जाने का सूचन है । आज भी केशमुंडन की क्रिया कुल देवी या कुल देवता के स्थान पर की जाती है ।
SR No.006239
Book TitleJain Gruhastha Ke 16 Sanskaro Ka Tulnatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages396
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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