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________________ $ शास्त्र भण्डारों में पाण्डुलिपि के रूप में पड़े रह सकते हैं, क्योंकि ऐसा सुनने में आता है कि महाकवि जिस प्रान्त में जिस नगर में ग्रन्थ लिखते थे उस ग्रन्थ को पूर्ण करके उसी नगर के जैन मन्दिर के भण्डार में अथवा वहाँ के प्रतिष्ठित व्यक्ति को दे देते थे । जहाँ-जहाँ इनका विहार हुआ है, वहाँ-वहाँ खोज की जा रही है । सम्भव है, इन ग्रन्थों के अलावा कोई नये ग्रन्थ इतिहास जगत को प्राप्त हो जायें । इन ग्रन्थों के ऊपर अभी तक कई लोग पी. एच. डी. कर चुके हैं, जैसे : 1 卐 1 (1) डॉ. हरिनारायण दीक्षित के निर्देशन में डॉ. किरण टण्डन, प्राध्यापक, संस्कृत विभाग, कुमायूँ विश्वविद्यालय, नैनीताल (उत्तर प्रदेश) से " महाकवि ज्ञान सागर के काव्यों का एक अध्ययन" नाम से पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त की है । जिनका प्रकाशन इस्टर्न बुक लिंकर्स, 5825 चन्द्रावल रोड़, जवाहर गंज, दिल्ली - 7 से प्रकाशित हुआ है (2) डॉ. कैलाशपति पाण्डेय, गोरखपुर विश्वविद्यालय से "जयोदय महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन" शीर्षक से डॉ. दशरथ के निर्देशन में पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त की है। प्रकाशन आचार्य ज्ञान सागर वागर्थ विमर्श केन्द्र, सरस्वती भवन, सेठजी की नसियाँ, ब्यावर (राज.) से किया गया है । (3) डॉ. रतनचन्द जी जैन, भोपाल के निर्देशन में डॉ. आराधना जैन, बरकतुल्लहा विश्वविद्यालय, भोपाल से "जयोदय महाकाव्य का शैली वैज्ञानिक अनुशीलन", इसका प्रकाशन मुनि संघ वैय्यावृत्ति समिति, स्टेशन रोड़, गंजबासौदा ( विदिशा, मध्यप्रदेश) से हुआ है 1 (4) डॉ. शिवा श्रवण ने डॉ. सर हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर से श्रीमति कुसुम भुरिया के निर्देशन में चम्पू काव्य पर शोध ग्रन्थ लिखा है, जिसमें दयोदय चम्पू पर विशद प्रकाश डाला है 1 (5) वर्तमान में श्रीमती अलका जैन, डॉ. रतनचन्द जी के निर्देशन में आचार्य ज्ञानसागर जी के शान्तरस परक तत्त्वज्ञान के विषय पर पी. एच. डी. कर रही हैं । (6) दयानन्द ओझा "जयोदय महाकाव्य का आलोचनात्मक अध्ययन" विषय ग्रहण. का डॉ. सागरमल जैन एवं डॉ. जे. एस. एल. त्रिपाठी, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के निर्देशन में पी. एच. डी. कर रहे हैं । 卐
SR No.006237
Book TitleGyansgar Mahakavi Ke Kavya Ek Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiran Tondon
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
Publication Year1996
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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