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16. जैसे कबूतर, कपिंजल (गौरा) पक्षी और गाय प्रातःकाल भोजन (चरने) के लिये भ्रमण करते हैं। इसी प्रकार मुनि गोचरी के लिए भ्रमण करे। भ्रमण करता हुआ किसी के साथ संभाषण न करे और इच्छित वस्तु प्राप्त न होने पर न किसी पर मन में कुढ़े या जले |
16. Like a pigeon and a cow he should roam about for his meals. He should utter no word during his beat nor dislike unwelcome meal thus received.
एवं से सिद्धे बुद्धे विरते विपावे दन्ते दविए अलं ताई णो पुणरवि इच्चत्थं हव्वमागच्छति त्ति बेमि ।
इस प्रकार वह सिद्ध, बुद्ध, विरत, निष्पाप, जितेन्द्रिय, वीतराग एवं पूर्ण त्यागी बनता है और भविष्य में पुनः इस संसार में नहीं आता है।
This is the means, then, for an aspirant to attain purity, enlightenment, emancipation, piety, abstinence and nonattachment. Such a being is freed of the chain of reincarnations. इइ इन्दनागिज्जज्झयणं । ।
ऐसा मैं (अर्हत् इन्द्रनाग ऋषि) कहता हूँ । Thus I, Indranag, the seer, do pronounce. इन्द्रनाग नामक इकतालीसवाँ अध्ययन पूर्ण हुआ । 41 ।
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41. इन्द्रनाग अध्ययन 419