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169. समवायांग सूत्र 159 170. अन्तकृत्दशा 8 171. भीष्म पर्व 27/36 172. शतपथ ब्राह्मण 3, 1, 1, 4 173. ऋषिभाषित 19वां अध्ययन 174. ऋषिभाषित 20 175. सूत्रकृताङ्ग 1/1/1/12 176. राजप्रश्नीय 167-180 177. दीघनिकाय खण्ड 2, पयासिराजञसुत्त (पालि पब्लिकेशन बोर्ड 1958) 178. समवायाङ्ग-समवाय 44 179. ऋषिभाषित 21वां अध्ययन 180. पंचतन्त्र पृ. 97-105 (चौखम्बा विद्याभवन वाराणसी 1985) 181. ऋषिभाषित 22वां अध्ययन 182. उत्तराध्ययन 18/19, 22 183. बृहदारण्यकोपनिषद् 4/1/5 184. महाभारत अनुशासन पर्व 4/1 185. ऋषिभाषित 23वां अध्ययन 186. सूत्रकृतांग 1/3/4/2, 3 187. स्थानाङ्ग 755 188. अनुत्तरोपपातिक 3/6 189. सूत्रकृताङ्ग शीलाङ्क वृत्ति खण्ड 2, पृ. 73 (म. जै. ज्ञानोदय सोसाइटी राजकोट)।
अभुजिया नमी विदेही, रामगुत्ते य भुंजिआ। बाहुए उदगं भोच्चा, तहा नारायणे रिसी। असित्ते देविले चेव दीवायण महारिसी।
पारासरे दगं भोच्चा, बीयाणि हरियाणि य।। 190. (अ) जातक खण्ड 1, पृ. 66, 81 (Edited by Fansboll)
(ब) पालि त्रिपिटक के अन्य सन्दर्भो के लिये देखिये-Dictionary of Pali
___proper Names by J.P. Malal Sekhar, 1937, Vol. I, I'. 382-83 191. ऋषिभाषित 24वां अध्ययन 192. देखें-डिक्शनरी ऑफ पालि प्रापर नेम्स भाग 2, पृ. 1323-1324 193. बृहदारण्यकोपनिषद् 61/41/33 194. ऋषिभाषित, 25वां अध्ययन 195. समवायांग, सूत्र 159 196. भगवतीसूत्र 529-530 124 इसिभासियाई सुत्ताई