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अपभ्रंश-साहित्य पउम चरिय (प्राकृत)
विमल सूरि कृत, भावनगर, १९१४ ई० । पउम सिरी चरिउ (अपभ्रंश) संपादक श्री मोदी और श्री भायाणी बम्बई,
वि० सं० २००५ । पत्तन भंडार, ग्रन्थ-सूची परमप्पयासु (अपभ्रंश) संपादक प्रो० आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्याय,
___ बम्बई, १९३७ ई०। पाहुड दोहा (अपभ्रंश) संपादक प्रो० हीरालाल जैन, कारंजा, बरार,
वि० सं० १९९० । पुरानी हिन्दी (हिन्दी) पं० चन्द्रधर शर्मा गुलेरी, काशी, वि० सं०
२००५ । पुरातत्व निबन्धावली (हिन्दी) श्री राहुल सांकृत्यायन, १९३७ ई० ।। पुरातन प्रबन्ध संग्रह
संपादक श्री मुनि जिन विजय, कलकत्ता,
वि० सं० १९९२ । पृथ्वीराज रासो
नागरी प्रचारिणी सभा संस्करण, काशी । पेम प्रकाश
डा. लक्ष्मीधर शास्त्री, दिल्ली, १९४३ ई० । प्रबन्ध चिन्तामणि
मेरुतुंगाचार्य विरचित, संपादक श्री जिन विजय
मुनि, शान्ति निकेतन, वि० सं० १९८९ । प्रबन्ध कोश
राजशखर सूरी कृत, संपादक श्री मुनि जिन
विजय, शान्ति निकेतन, वि० सं० १९९१ । प्रशस्ति संग्रह
श्री कस्तूरचन्द कासलीवाल द्वारा संपादित,
जयपुर, १९५० ई०। प्राकृत व्याकरण (संस्कृत) हेमचन्द्र कृत, संपादक डा० परशुराम वैद्य, पूना
१९२८ ई०। प्राकृत-अपभंश-साहित्य और उसका
हिन्दी-साहित्य पर प्रभाव (हिन्दी) डा० रामसिंह तोमर (अप्रकाशित)। प्राकृत लक्षण
चंड। प्राकृत पैंगल
संपादक श्री चन्द्रमोहन घोष, १९००-१९०२ ई० प्राकृत लैंग्वेज एंड देअर कन्ट्रीब्यूशन
टु इंडियन कल्चर, (अंग्रेजी) डा० एस. एम. कत्रे, बम्बई, १९४५ ई० प्राचीन गुर्जर काव्य-संग्रह गायकवाड़ सिरीज़ संख्या १३, १९२० ई० । प्राचीन हिन्दी
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी, नागरी प्रचारिणी सभा
काशी, वि० सं० २००५ । प्रेमी अभिनन्दन ग्रन्थ बृहत्कथा कोष (संस्कृत)
संपादक प्रो० आ० ने० उपाध्याय । बौद्धगान ओ दोहा (अपभ्रंश) संपादक म० म०पं० हरप्रसाद शास्त्री।