SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 47
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३. ॐ अर्हन् मुखकमल-निवासिनि पापात्मक्षयंकरी श्रुतज्ञानज्वाला सहस्त्र प्रज्वलित भगवति सरस्वति मत्यापं हन हन दह दह पच पच क्षाँ क्षी माँ क्षः क्षीरधवले अमृतसंभवे व वैं हूँ हूँ क्ष्वी ही ही क्लीं ह्यौं वद वद वाग्वादिनि ! भगवति ! ऐं ह्रीं नमः .. ॐ हीं श्रीं श्री जिनशासन शोभनायै श्री तीर्थंकर मुखांभोज वासिनि द्वादशांगी अधिष्ठायित्री श्री सरस्वती महादेव्यै जलं चंदनं... अष्टप्रारी पूल ६२वी. त्रयोदशम पूजा नमोऽर्हत्०.. (२|| - ऋषिise) आदित्य-मंडलस्थां च, प्रणमामि जन प्रियां। ईति सम्यग् स्तुता देवी, वागीसेन महात्मना ।। ३ ।। आत्मानं दर्शयामास, सूर्यकोटी समप्रभ । वरं वृणीष्व भद्रं ते यत्ते मनसि वर्तते ।। ४ ।। १. ॐ ऐं नमः १२ 4जत सामुहि प. २. ॐ क्लीं ईश्वर्यै नमः ३. ॐ ऐं नमो अरिहंताणं वद वद वाग्वादिनी स्वाहा.. ॐ हीं श्री श्री जिनशासन शोभनायै श्री तीर्थंकर मुखांभोज वासिनी द्वादशांगी अधिष्ठायित्री श्री सरस्वती महादेव्यै जलं चंदनं... अष्टप्रभारी पूल 5२वी. ४3
SR No.006227
Book TitlePoojan Vidhi Samput 12 Parshwa Padmavati Mahadevi Shreelakshmi Shrutdevi Sarasvati Mahapoojan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaheshbhai F Sheth
PublisherSiddhachakra Prakashan
Publication Year2009
Total Pages68
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy