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________________ सप्तम पूजा नमोऽर्हत्... या कुंदेंदुतुषारहार धवला, या श्वेतपद्मासना, या विणावर-दंड-मंडितकरा या शुभ्रवस्त्रावृता । या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वंदिता, सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ।। ७ ।। सरस्वत्या प्रसादेन, काव्यं कुर्वन्ति मानवाः । तस्मात् निश्चल भावेन, पूजनीया सरस्वती ।। ८ ।। सरस्वती मध्य दृष्ट्वा, देवि कमल लोचना । हंस यान समारूढा, वीणा पुस्तक धारिणी ।। ९ ।। या देवी स्तुयसे नित्यं, विबुधैः वेदपठैः । सा मां भवतु जीह्वाग्रे, ब्रह्मरूपा सरस्वती ।। १० ।। १. ॐ ऐं नमः १२ वजत सामुहिङ भय २. ॐ ह्रीँ श्रीँ भूँ श्रहं तं यः यः ठः ठः ठः सरस्वती भगवती विद्याप्रसादं कुरू कुरू स्वाहा.. ॐ ह्रीँ श्रीँ श्री जिनशासन शोभनायै श्री तीर्थंकर मुखांभोज वासिनी द्वादशांगी अधिष्ठायित्री श्री सरस्वती महादेव्यै जलं चंदनं पूष्पं धूपं दीपं अक्षतं नैवेद्यं यजामहे स्वाहा. अष्टप्रभारी पूल रवी. अष्टम पूजा नमोऽर्हत्०.. (राग - सरसशांति सुधारस ) कलमराल-विहंगम-वाहना, सितदुकुल- विभूषण- लेपना । प्रणत-भूमि-रूहामृत-सारिणी, प्रवर-देह - विभाभर - धारिणी ।।१।। ३८
SR No.006227
Book TitlePoojan Vidhi Samput 12 Parshwa Padmavati Mahadevi Shreelakshmi Shrutdevi Sarasvati Mahapoojan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaheshbhai F Sheth
PublisherSiddhachakra Prakashan
Publication Year2009
Total Pages68
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size10 MB
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