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________________ आगम (४०) "आवश्यक- मूलसूत्र-१ (नियुक्ति:+चूर्णि:) अध्ययनं H मूलं - /गाथा-], नियुक्ति: [१५१-२१५/३६४-४२०], भाष्यं [३८-४३] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता...........आगमसूत्र - [४०], मूलसूत्र - [१] "आवश्यक नियुक्ति: एवं जिनभद्रगणि-रचिता चूर्णि:-1 भी पत आवश्यक चूर्णी उपोद्घातात नियुक्ती कोडि लक्ख ९ 18 जिनान्त राणि अभिनंदन कोडीओ णउति ९० चंदप्पभ सागर ३० ॥२१८॥ दीप CAXAT********* कोडि लक्ख ५० उसभ कोडीण जउतिसहस्सा ९० सुमति कोहिओ अब ९ पुष्पदंत सागर ९ विमल पलितद्धं १२ संति बास लकख ६ मुणिसु, कोडि लक्ख ३० कोडिलक्ख १० अजित संभव कोडीण णव सहस्सा ९ कोडीण जवसबाई९पनमपह सुपास कोडी ऊणाय १०० ६६२६००७ सागर५४वरि० सीतल सेजस सागर ४ सागर३ ऊणाई पलियचरभाग ३ अर्णत . धम्मस्स पलित चरभाओरउण वासकोडिश बास कोडि १ कुंथुस्स वरिसलक्ख ५ वास सहस्सा ८३७५० नमिस्म, जेमिस्त्र अनुक्रम अरस्स वास लक्ख ५४ मलिस्स वाससया २५० पार्श्व वर्धमान ॥२१८॥ (224)
SR No.006203
Book TitleAagam 40 Aavashyak Choorni 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages624
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size47 MB
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