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________________ आगम (०१) प्रत वृत्यंक [१९७ २०१] दीप अनुक्रम [२१० २१४] श्रीआचा रोग सूत्रचूणिः ॥२५४॥ “आचार” - अंगसूत्र - १ (निर्युक्तिः+चूर्णि:) श्रुतस्कंध [१], अध्ययन [८], उद्देशक [१], निर्युक्तिः [२५३-२७५], [वृत्ति अनुसार सूत्रांक १९७-२०१] एवं एगे विपवना, अनहावि उभयथावि आयारं प्रति एगे विप्पडिवण्णा, केह सुहेणं धम्ममिच्छंति, केइ दुक्खेणं, केइ बहाणेणं केह मोणेणं, केइ गामवासेणं केइ अरण्णवासेणं, एवं दिप्पगारेणं आयारपगारेहिं आयारपगारेहि य विविहं प्रतिपण्णा मामगं सिद्धतं मम एगो सिर्द्धतो, अष्णे पण्णवैति परूवेति दंसेंति उवदंसेति, इह सुद्धी नान्यत्र, अहवा सयं सयं पसंसंति, एवमादि, एवं सामगं धम्मं पण्णवेमाणा तेसिं अणुद्धं धम्माणं विष्परिणामं करेंति, जतो एवं तेग हरतो वजेयब्यो, जइ पुण गिलाणादिकारणेण गतं अष्णत्थवि कत्थति, परिसाए वा अपरिसाए वा आगलेजा, तत्थ आगमे सति पासणिते गिण्डित्ता जं जं धावेति तत्थ तत्थ वतव्यं एत्थवि जाणह अकम्मा, यदुक्तं- एगंतेणं अस्थि लोगोति, अस्थित्तणामो एवं ण भवति, कम्हा ?, परिण्णाविरोधाओ, तज्ञ्जहाजं अस्थि तं लोगो, तप्पडिपक्खो य अलोगो, सोचि अत्थित्तिकाउं लोग एवं अलोगो, अभावो, अलोगअभावे तपक्तिभूयस्स लोगस्सवि अभावो, सब्बगतो वा लोगस्सेति, अहया अलोगो अस्थि य, ण य लोगो भवति, तेण लोगोवि अस्थिणा लोगो भवति, तेणं लोगस्स अभावो पावति, अणि च एतं, लोग बहुत्पसंगो य, एवं तंजहा घडोवि अस्थि, सोवि | लोगो, पडोवि अस्थि सोवि लोगो, एवं लोग बहुलं, पतिष्णाविसेसाओ य, तव जं अस्थि लोगो तेण पइण्णावि अस्थि स लोगो, हेऊवि अस्थि सोवि लोग इतिकाउं पइष्णाऊ एगनं, एगने य हेअभावी, वस्तभावे य किं तेण पडिवति ?, अह अस्थिनाओ अष्णो लोगो तेण लोगस्स अभावे पड़नाहाणी, जह एत्थं एगंवेणं लोगजत्थिते असदतेतदुतिं तहा इपि जागह है सिस्स ! अम्ना अहेऊ ण कम्मा अकम्मा, जं भणितं अहेतुं, जंबुतं-गत्थि लोएत्ति, किं भवं अतित्थ णत्थिचि है, जति 'अस्थि लोग अंतगत वा न वा?, जति लोपअंतगतो कई भगसि-अस्थि लोगो ? अह न लोग अंतगतो तेग न लोकसि खरवि साणं मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता आगमसूत्र -[०१], अंग सूत्र [०१] "आचार" जिनदासगणि विहिता चूर्णि: [258] धर्महेत्वादि | ॥२५४॥
SR No.006201
Book TitleAagam 01 ACHAR Choorni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages388
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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