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________________ आगम (०१) “आचार” - अंगसूत्र-१ (नियुक्ति:+चूर्णि:) श्रुतस्कंध [१], अध्ययन [६], उद्देशक [५], नियुक्ति: [२५२...], [वृत्ति-अनुसार सूत्रांक १९४-१९६] श्रीआचारांग सूत्र चूर्णिः ॥२३६।। प्रत वृत्यक [१९४१९६] | तु एगतेण संजमलूसगा, अदुवा(अहवावि)फुसंति अह इति अणंतरे, जस्स अविसद्दा उपसग्गा ते फासा, जं भणित-आतसंवेय स्पर्शादि | णिजा, तेवि चउचिहा-घडणया थंभणया लेसणया पवडणया, अहवा वाइयपित्तियसिभियसनिवाइया । अहवा फुसंतीति फासा, सहनादि | सीतं उण्हं दंसमसगादि, ते फासे पुट्ठा अहियासते, हाकारलोबो एत्थ दहब्बो, सम्म अहियासते, संमंति रागदोसरहितो पसत्थ| अण्णतरज्माणउवात्तो, जहा फासा तहा रसावि, जाव सद्दा रागदोसरहितोवि अहियासिज, अतो भण्णति-ओते समितदसणो ओते णाम एगो रागादिरहितो, समितदसणे संमदरिसी अहवा संमितदरिसो, तं च मिच्छादसणसमितं, सो एवं समितदसणे | गामादि रीयमाणे दयं लोगस्स जाणिज्जा दया अहिंसा, लोगो छज्जीवलोगो, तं जाणिजासि जस्स लोगस्स जहा कजति, | जे दयतो गुणा इह परलोगे य भवंति, णचा, न तत्परस्य संदध्यात्, प्रतिकूलं यदात्मनः । एषः संग्राहिको धर्मः, कामादन्यत्प्रवर्तते ॥१॥ जहा खंदगसीसेहिं सुहदुक्खखमेहि सांबाणुगाहसमत्थेहिषि दयागुणं जाणित्ता दंडियस अहियासिय, एवं | जाव परिग्गरं जाणित्ता ततो बिरमति । ताणि एवं दयादीणि वताणि णचा धंमं कहेमाणोतिरिजति, सा य दया दब्वादिसु ।। | भवति, दव्यतो छयु जीवनिकायेसु, लोगग्गहणा दब्बग्गहणं । एवं च णातं भवति, जति कीरति, खिने उ पाईणं पदीणं सवाहि IAN | दिसाहिं सव्वाहि भणदिसीहिं य पाणातिवातं पडिसेधंति, कालतो जावजी, भावतो अरत्तो अदुट्ठो, अहवा सो एवं लोगस्स | | दयं जाषिचा गामादि रीयमाण इति अणियतचरित्ता पादीणं जाव ओहारणिं, केवलियपण्णसं धम्मं तित्थपभावणत्थं से आइ-15 क्वति, स इति णिद्देसे सो अणियतचारी मिक्खु भिक्खुणो अभिक्खुणो चा, किं अक्खाति ? जाव रायिभोयणं चएजतित्ति। 1 |से य पाणाइवाए चउम्बिहे दवादि ४, एवं जाव परिग्गहो, किडेति णामं इहपारलोइए पाणावाए अस्सवदोसे संवरगुणे य दीप अनुक्रम [२०७२०९] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता......आगमसूत्र-[१], अंग सूत्र-[१] "आचार" जिनदासगणि विहिता चूर्णि: [240]
SR No.006201
Book TitleAagam 01 ACHAR Choorni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages388
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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