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________________ आगम (०१) प्रत वृत्यंक [१६० १६५] दीप अनुक्रम [१७३१७८ ] श्रीआचा रांग सूत्रचूर्णिः ॥ १९०॥ “आचार” - अंगसूत्र - १ (निर्युक्तिः + चूर्णि :) श्रुतस्कंध [१], अध्ययन [५] उद्देशक [५] नियुक्ति: [ २४९...], [वृत्ति अनुसार सूत्रांक १६०-१६५] णिक्खमणपवेसे, इहरहा च ण सकति चोरादीहिं तत्थ गंतुं, जे तु पट्टिउकामा अहवा सुत्तस्स तेणेव उवसंथारो पडिपुण्णो 'से पास सबओ गुत्तों' सेति णिसे, पस्सत्ति-बुज्झत्ति, सन्त्रओ गुतेति-सन्देहिं पडिपुष्णादीहिं हरदगुणेहिं उवसंथायरेयव्वो सव्वेहि इंदिएहिं गुते य से जाण लोए०, तत्थ महेसिणो गणहरा सोयमज्झडिया, 'जे य पण्णाणमंता पबुद्धा' मिसं नाणमंता चोहसपुव्यधरा जे अण्णे गणहरवजा परंपरएण आगया आयरिया जाब अजकालं, बुद्धा ओहिमणपञ्जवनाणिणो सुयधम्मे वा बुद्धा जे जहिं काले, ण पुण अन्वचा एगचरा वा बचा, जेऽवि ण जिणमादिट्ठा णाणाई पार्वति गुरुकुले वसंता ते सामायारी कुसला भवंति 'आरंभोवरय'चि अण्णाण कसायणोकसाय असंजमो वा आरंभो, उवरया णाम विरता, जे आरंभउबरता 'एतं संमति पासह, 'कालकंखी परिव्वए' कालो णाम समाहिमरणकालो तस्स कालस्स कंखाए एवंविसारजुचा गुरुकुलवासिणो सम्बओ वयंतीचि, बेमिति करणं अज्झायअज्झयणमुखंध अंगपरिसमत्तीए भवति, इद्द उ पगरणसमत्तीए दट्ठब्बं गतं आयरियपगरणं, इदाणिं सिस्सपगरणं आरम्भति, तत्थ अत्था तिविहा-सुरहिगमा दुरहिगमा अणहिगमा य श्रोतारं प्रति तत्थ सुरद्दिगमेण अहिगारो, अपहिगमाचि अवत्थू, दुरहिगमेसु तु 'वितिगिच्छासमावण्णेणं' (सू. १६२) तत्थ तान दरिसणे संका भवति, जइ धम्मस्थिकायो गतिलक्खणो तेण णिचमेव गई भवतु, अधम्मस्थिकायो द्विति तो ये निधठाणं किं न भवति ?, आयरिओ भणइ धम्मत्थिकायो न रज्जू जहा तहा कट्टति, किंतु गतिपरिणतस्स उग्गहे वइति मन्छजलवत् एवं आगासत्थिकारवि, जीवाइस वा वसु पदस्थेसु परियतस्स वा पढिपुच्छं अणुप्पेहं धम्मं वा कहेंतस्स एगपदे अणेगेसु वा वितिमिच्छा उप्पजेज, किं अयं अत्थो एवं अनहिति, एवं संकितेण लभते समाहिं समाही णाम एगगं, तिविहा वा समाही, तत्थ सम्महंसणस माहीएं अहिगारो, ते मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता आगमसूत्र -[०१], अंग सूत्र [०१] "आचार" जिनदासगणि विहिता चूर्णि: [194] प्रतिपूर्णतादि ॥ १९०॥
SR No.006201
Book TitleAagam 01 ACHAR Choorni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages388
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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