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________________ आगम (०१) “आचार” - अंगसूत्र-१ (नियुक्ति:+चूर्णि:) श्रुतस्कंध [१], अध्ययन [५], उद्देशक [], नियुक्ति: [२४९...], [वृत्ति-अनुसार सूत्रांक १५६-१५९] व्यक्ताव्यक्तादि श्रीआचा- रांग सत्र चूर्णिः | ॥१८॥ प्रत SUMARINA वृत्यंक [१५६१५९] Sunday वयसा सुरण य वत्तायते चउरो भंगा, सुएणं अब्बत्तो जस्स आयारपगप्पो अस्थतो ण गतो गच्छवासीणं, गच्छनिग्गयाणं तीसव-10 रिसहिडो, एते अवचा, बत्ता सुयवयेहिं चचारि भंगा जोएयच्या, वयसुए य अवचाणं बहुगाणंपि वत्तरहियाणं दोसो-आता पबयणं संजमं, अण्णो पुण सुतेण अवतो वयेण सोलसवरिसेहिं उत्तिष्णो जतिवि साहस्समल्लो तस्सवि दोसो, अवरो सुतेण वचो | A आयारपगप्पो पढितो सुत्ततोऽपि अत्थतो, ण वएण वचे, तस्सवि एगचरस्स दोसो, सुतेण बतेणवि वत्तो, जिणकप्पे यो परिहारियो अहालंदियो, जो वा तेसिं परिकम्मं करेंति, एतवतिरित्ता जतिवि उभयविचा'साहम्मिएहि संबुज्झतेहिति' गाहा, तस्स पर कारणियस्स अणुण्णा जाव कारणं, एवं तेसिं गणा गच्छमाणाणं इमेहि दिटुंता दिअंति 'जह सायरंमि मीणा संखोभं सायरस्स असहंता गाहा, 'जहा दियापोतमपत्तजातं०'गाहा, गच्छंमि केइ पुरिसासारणधीयीहि चोदितासंता। |णिति ततो सुहकामी णिग्गयमेत्ता विणस्संति।।१।। एवं तस्स अवियनस्स दुआत दुप्परकंत वयसावि एगे पिता कुप्पं ति माणवा'वयसा-वायाए एते अव्वनाएगचरा अणेगचरा वा युयिता-भणिता कुप्पंति कुझंति बकति लुम्भंति, केरिसाए वायाए || कुप्पंति ?-जहा के इमे ? अम्हं एए चेव दट्टत्वा तिबग्गे बंभणाति, तिबग्गपरिचारग मुद्दा पवयंति ?, एवं थंभे मायाएचि लोभेवि | जोएयवं, अविसदा कायेणावि पुट्ठा कुप्पंति, वत्ता पूण वयसा कायेणवि पुट्ठा ण कुप्पंति, जहा खंभो णिकंपो, इमेण य अब्बचदोसा 'उपणयमाणे यणरे महता मोहेण मुज्झति' एगचरो अवत्तो उन्नमिजमाणे य कहिचि कयिवया सिलोगा कट्टित्ता, गिहत्थत्तणे वा कलावगा सुत्ता, फुडवको वा संभावणे, केयि उप्पासणबुद्धीये भगंति तं-अहो पब्बइओ धम्मकही, ण एरिसो अस्थि | अण्णो, जति जहा बंभणस्स वाया सकतश्रमिधारणजुत्ता, पायते वा महाकव्वाई जाणमाणो, उन्नामियाति अंगुलि उक्खिवित्ता दीप अनुक्रम [१६९ १८२॥ १७२]] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता......आगमसूत्र-[१], अंग सूत्र-[१] “आचार" जिनदासगणि विहिता चूर्णि: [186]
SR No.006201
Book TitleAagam 01 ACHAR Choorni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages388
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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