________________
भिजवाने की व्यवस्था आदि की सूचना की गयी है ।
* पूज्य गच्छाधिपति श्री की विशिष्ट श्रावश्यकतानुसार बड़ोदा जाना आवश्यक लगता है, परन्तु पूज्य श्री की प्रतीक्षा विशेष रुप से देखी जा रही है यह बताता है कि पूज्य श्री का पू. गच्छाधिपति के हृदय में कैसा स्थान है । पत्र के पृष्ठ में और अधिक महत्व की बात बताई है कि "गरमी अधिक है इससे शायद आप न श्रा सको तो जानना, परन्तु तुम्हें छाणी जाना है तो तुम यहां आओ । बाद में साथ चलेंगे ।" इस प्रकार पू. गच्छाधिपति पूज्य श्री को अपने पास बुलाकर योग्य विचार-विमर्श कर बड़ोदा तरफ विहार की इच्छा करते हैं । पूज्य श्री के व्यक्तित्व की पू. गच्छाधिपति के हृदय में कैसी अद्भुत छाप होगी ? अथवा पूज्य श्री की सलाह की अपेक्षा गच्छाधिपति भी रखते थे ।
* फिर छारगी जो दीक्षा की खान उस समय गिनी जाती थी जो भूमि ऐसी सामर्थ्यं वाली होगी कि जिससे पूज्य श्री छाणी जाने की इच्छा रखते थे । छाणी जाने की किसी मुमुक्ष की तैयारी हो अथवा कच्ची तैयारी को पक्की करने की हो ।
इस प्रकार उस काल में छाणी की महत्ता पूज्य श्री के हृदय में कितनी होगी वह भी इस पत्र से समझा जाता है ।" इस प्रकार पूज्य श्री कपड़वंज में प्रवास करते हुए भी छाणी, अहमदाबाद आदि स्थानों के मुमुक्षुजनों की खोज खबर रख
१७४