________________
संस्कृत-निबन्ध-शतकम्
( विश्वविद्यालयस्तरीयाः प्रौढाः प्रबन्धाः )
लेखक
डॉ० कपिलदेव द्विवेदी आचार्य
एम०ए० (संस्कृत, हिन्दी ), एम० ओ० एल०, डी० फिल० (प्रयाग), पी०ई०एस० . विद्याभास्कर, साहित्यरत्न, व्याकरणाचार्य, संचालक, विश्वभारती अनुसंधान परिषद्, ज्ञानपुर (वाराणसी) ।
प्रणेता - 'अर्थविज्ञान और व्याकरणदर्शन' ( उ०प्र० शासन द्वारा संमानित पुस्तक), 'अथर्ववेदकालीन संस्कृति',
'प्रौढ - रचनानुवादकौमुदी', 'संस्कृत - व्याकरण',
'संस्कृत भाषाविज्ञान एवं भाषाशास्त्र' आदि ।
|
विश्वविद्यालय प्रकाशन,
वाराणसी