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'मुनि श्री ज्ञानसागर जैन ग्रन्थमाला की पुस्तकों के विक्रय सुविधाप्रदायक श्री गणेशीलाल रतनलाल कटारिया, कपड़ा बाजार, व्यावर (राज.) तथा श्री देवकुमारजी जैन, मंत्री, दि. जैन समाज हिसार (हरियाणा) से कविवर ज्ञानसागरजी का साहित्य उपलब्ध हुआ है । मैं उनकी आभारी हूँ ।
प्रस्तुत शोध प्रबन्ध प्रकाशन के मूल प्रेरणा स्रोत हैं परमपूज्य १०५ ऐलक श्री अभय सागरजी महाराज एवं चातुर्मास अवधि में यहाँ गंज बासौदा में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागरजी की परम शिष्या आर्यिका दृढमति माताजी एवं आर्यिका संघ । इनकी प्रेरणा से ही यह गुरुतर कार्य सहज ही संभव बन पड़ा है । ग्रन्थ के प्रकाशन का आर्थिक उत्तरदायित्व को वहन कर दिगम्बर जैन समाज गंज बासौदा ने अपनी उदारता एवं सदाशयता का परिचय दिया है। इस हेतु मैं समाज की ऋणी हूँ ।
मेरे निदेशक डॉ. श्री रतनचन्द्रजी जैन (भोपाल ) एवं डॉ. श्री सत्यव्रतजी शास्त्री ने विद्वत्तापूर्ण भूमिका लिखकर ग्रन्थ के गौरव को बढ़ाया है। भाई श्री कमलेशजी जबलपुर तथा सिंघई आफसेट जबलपुर के अधिकारियों एवं कार्यकर्त्ताओं ने उत्साहपूर्वक कार्य पूर्ण किया है । शोध प्रबन्ध के लेखन एवं प्रकाशन आदि में जिन महानुभावों का प्रत्यक्ष/परोक्ष रूप से सहयोग मिला है, उन सभी के प्रति मैं हृदय से आभारी हूँ ।
शोध प्रबन्ध को निर्दोष बनाने का यथासम्भव प्रयत्न किया गया है तथापि त्रुटियाँ अवश्यंभावी हैं । पाठक गुणग्राही दृष्टिकोण रखकर सारतत्त्व को अंङ्गीकार करेंगे, ऐसी अपेक्षा है।
दीप मालिका, १३ नवम्बर १९९३ भगवान् महावीर निर्वाण दिवस
वीर निर्वाण संवत् २५२०
कु. आराधना जैन मील रोड, गंज बसौदा (विदिशा ) म.प्र., ४६४२२१