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जयोदय महाकाव्य का शैलीवैज्ञानिक अनुशीलन ३४. भद्रोदय (समुद्रदत्त चरित) : आचार्य ज्ञानसागर, दि० जैसवाल जैन समाज
अजमेर, प्रथम संस्करण, सन् १९६९ मानव धर्म : ब्र० भूरामलजी (आचार्य ज्ञानसागरजी) दि० जैन पंचायत सभा ललितपुर, सन् १९८७ मालविकाग्निमित्र : कालिदास, चौखम्बा संस्कृत पुस्तकालय, कचौड़ी गली, वाराणसी मुनिमनोरञ्जनाशीति : महाकवि भूरामल (आचार्य ज्ञानसागर) विद्यासागर साहित्य
संस्थान, पनागर, जबलपुर, प्रथम संस्करण, ३ जून १९९० ३८. मेधावी : रांगेय राघव ३९. मृच्छकटिक : शूद्रक, संस्कृत हिन्दी टीका - आचार्य श्रीधरप्रसाद पन्त, प्रकाशक
स्टुडेण्ट स्टोर, बिहारीपुर (बरेली), प्रथम संस्करण, सन् १९७२
रघुवंश : कालिदास, चौखम्बा संस्कृत पुस्तकालय, कचौड़ी गली, वाराणसी ४१. रस मीमांसा : आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, चतुर्थ
संस्करण, सन् १९६६ ४२. रस सिद्धान्त : डॉ० नगेन्द्र, नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली, सन् १९६४ ४३. रीतिविज्ञान : विद्यानिवास मिश्र, नई दिल्ली, मेकमिलन, १९७७ ४४. वक्रोक्तिजीवित : कुन्तक, चौखम्बा प्रकाशन, वाराणसी, प्रथम संस्करण, सन्
१९६७ ४५. वक्रोक्तिजीवित : कुन्तक, प्रकाश हिन्दी व्याख्या, व्याख्याकार राधेश्याम मिश्रा'
चौखम्बा संस्कृत संस्थान, वाराणसी, च० सं०, वि० सं० २०३९ विद्याधर से विद्यासागर : सुरेश सरल, प्रकाशक- व्र० राकेश जैन, ४१७,
फूटाताल चौक, जबलपुर, प्र० सं० १९८५ ४७. विवेकोदय : ब्र. भूरामल शास्त्री, बाबू विश्वम्भरदास जैन, हिसार, प्रथम संस्करण,
सन् १९४७ ४८. वीरोदय : मुनि श्री ज्ञानसागर जी, प्रकाशचन्द जैन, ज्ञानसागर ग्रन्थमाला,
व्यावर, सन् १९६८ वीर शासन के प्रभावक आचार्य : डॉ० विद्याधर जोहरापुरकर एवं डॉ० कस्तूरचन्द कासलीवाल, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई दिल्ली, प्रथम
संस्करण, सन् १९७५ ५०. वैराग्य शतक : भर्तृहरि, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-१, सन् १९८२