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रुयगस्सउ उस्सेहो चउरासीईभवे महस्साई 84000। एगंचेवसहस्सं 1000 धरणियलमहे समागाढो॥ दसचेवसहस्साखलु बावीसं 10022 जोयणाइंबोद्धव्वा। मूलम्मि उविक्खंभोसाहीओरुयगसेलस्स॥ सत्तेव सहस्साखलु बावीसंजोयणाइंबोद्धव्वा। मज्झम्मिय विक्खंभो रुयगस्स उपव्वयस्सभवे॥ चत्तारिसहस्साइंचउवीसं 4024 जोयणाय बोद्धव्वा। सिहरतले विक्खंभोरुयगस्स उपव्वयस्सभवे॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 113-116) सिहरतलम्मिउरुयगस्सहोति कूडा चउद्दिसिंतत्थ। पुव्वाइआणुपुव्वीतेसिं नामाई कित्तेहं॥
__ (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 117) कणगे 1 कंचणगे 2 तवण 3 दिसोसोवत्थिए 4 अरिट्टे 5 य। चंदण 6 अंजणमूले 7 वइरे 8 पुणभणिए। नाणारयणविचित्ता उज्जोवंता हुयासणसिहाव। एए अट्ठविकूडाहवंतिपुव्वेणरुयग्ग॥ (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 119-120) फलिहे 1 रयणे 2 भवणे 3 पउमे 4 नलिणे 5 ससो 6 यनायव्वे वेसमणे 7 वेरुलिए 8 रुयगस्सहवंति दक्खिणओ॥ नाणारयणविचित्ताअणोवमा,तरुवसंकासा। एए अट्ठविकूडारुयगस्स हवंति दक्खिणओ॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 121-122) अमोहे 1 सुप्पबुद्धेय 2 हिमवं 3 मंदिरे 4 इय। रुयगे 5 रुयगुत्तरे 6 चंदे 7 अट्ठमे यसुदंसणे 8॥ नाणारयणविचित्ताअणोवमाधतरूवसंकासा। एए अट्ठविकूडारुयगस्स विहोंतिपच्छिमओ॥
___ (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 123-124) विजए 1 य वेजयंते, 2 जयंत 3 अपराइ 4 यबोद्धवे। कुंडल 5 रुयगे 6 रयणुच्चए 6 य तह सव्वरयण 8 य॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 125)
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