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(19) जो उत्तरअंजणगोतस्सेवचउद्दिसिंचबोद्धव्वा।
पुक्खरिणीओचत्तारि, इमेहिनामेहिं विनेया॥ पुव्वेणनंदिसेणा 1,आमोहापुण दक्षिणे दिसाभाए 2। अवरेणंगोत्थूभा 3 सुदंसणा होइ उत्तरओ4॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 56-57)
(20) एकासि एगन उयापंचाणउइंभवे सहस्साई 819195000।
नंदीसरवरदीवे ओगाहित्ताणरइकरगा॥ उच्चत्तेण सहस्सं 1000, अड्ढाइज्जे सएय उव्विद्धा 250। दसचेवसहस्साइं 10000 वित्थिण्णा होतिरइकरगा
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 58-59)
(21) कोंडलवरस्समझेणगुत्तमो होइ कुंडलो सेलो। . पगारसरिसरूवो विभयंतो कोंडं दीवं॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 72)
(22) बायालीस सहस्से 42000 उव्विद्धो कुंडलोहवइसेलो। एगंचेवसहस्सं 1000 धरणियलमहे समोगोढो॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 73)
(23) दसचेवजोयणसए बावीसं 1022 वित्थडोय मूलम्मि।
सत्तेवजोयणसए तेवीसे 723 वित्थडोमज्झे॥ चत्तारिजोयणसएचउवीसे 424 वित्थडोउसिहरतले। एयस्सुवरि कूडे अहक्कम कित्तइस्सामि॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 74-75)