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द्वीपसागरप्रज्ञप्ति प्रकीर्णक की विषयवस्तु दिगम्बर परंपरा के मान्य ग्रंथों में कहाँ - एवं किसरूप में उपलब्ध है, इसका तुलनात्मक विवरण इस प्रकार है
(1) पुक्खरवरदीवड्ढं परिक्खिवइमाणुसोत्तरो सेलो। पायारसरिसरुवो विभयंतो माणुसंलोयं॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 1)
(2) सत्तरस एक्कवीसाइंजोयणसयाई 1721 सो समुव्विद्धो। .. चत्तारियतीसाइंमूले कोसं 430 1/4 चओगाढो॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 2)
(3) दस बाबीसाइंअहे वित्थिण्णो होइजोयणसयाइं 10221
सत्तयतेवीसाइं 723 वित्थिण्णो होइमज्झम्मि॥ चत्तारियचउवीसे 424 वित्थरो होइ उवरिसेलस्स। अड्ढाइज्जे दीवेदो विसमुद्दे अणुपरीइ॥
(द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 3-4)