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विषय वस्तु की तुलना -
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द्वीप सागर प्रज्ञप्ति प्रकीर्णक की विषयवस्तु श्वेताम्बर परंपरा के मान्य आगम ग्रंथों में कहाँ एवं किस रूप मेंउपलब्ध है, इसका तुलनात्मक विवरण इस प्रकार है(1) पुक्खरवरदीवढं परिक्खिवइ माणुसोत्तरो सेलो। पायारसरिसरुवो विभयंतों माणुसं लोयं ॥
(2) सत्तरस एक्कवीसाइं जोयणसयाई 1721 सो समुव्विद्धो । चत्तारि यतीसाइं मूले कोसं 4301/4 च ओगोढो ॥
( द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 1 )
(3) दस बावीसाइं अहे वित्थिण्णो होइ जोयणसयाइं 1022 । सत्त य तेवीसाई 723 वित्थिण्णो होइ मज्झम्मि ॥
(5) एगासि एगनउया पचाणउइं भवे सहस्साइं ।
( द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 2 )
(4) तस्सुवरि माणुसनगस्स कूडा दिसी विदिसि होंति सोलस उ । तेसिं नामावलियं अहक्कम्मं कित्तइस्सामि ॥
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( द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 3 )
( द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 5 )
तिण्णेव जोयणसए 819195300 ओगाहित्ताण अंजणगा॥
( द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 26 ) (6) चुलसीए सहस्साइं 84000 उव्विद्धा, ते गया सहस्समहे 1000 1 धरणियले वित्थिण्णा अणूणगे ते दस सहस्से 10000 ।। (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 27 )
(7) विक्खंभेणंजणगा सिहरतले होंति जोयणसहस्सं 1000 1 तिन्नेव सहस्साइं बावट्टसयं 3162 परिरएणं ।।
( द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 35 )
( 8 ) अंजणगपव्वयाणं सिहरतलेसुं हवंति पत्तेयं । अरहंताययणाई सीहनिनाईणि तुंगाई ||
( द्वीपसागरप्रज्ञप्ति, गाथा 38 )