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श्री विजयपद्मसूरिविरचित उइओइयाइभेया,
पुरिसा जुम्मा तहेव चत्तारि ॥इय०॥३३॥ सूरा चउप्पयारा,
लेसा चत्तारि असुरदेवाणं ॥इय०॥३४॥ याणहया चउभेया,
गयपुप्फ फलाणहोज्ज चउ भेया ।इय०॥३५॥ अंतेवासी चउहा,
णिग्गंथी साविया य चउ भेया ।इय०॥३६॥ समणोवासगभेया,
सुहदुहसेज्जा तहेव चत्तारि ॥इय०॥३७॥ लोयंधयारभासा
चउहि ठाणेहि होजिय सुयम्मि ॥इय०॥३८॥ चउपलियाऊ पढमे___ कप्पे सिरिवीरसदसगस्स ॥इय०॥३९॥ चत्तारि कारणाई
देवागमणेयराहिलासम्मि ॥इय०॥४०॥ चत्तारि वायणिज्जा
___ अवायणिज्जा तहेव चत्तारि ॥इय०॥४१॥ तह कंथा चउभेया,
लोए सरिसा तहेव पसारि ॥इय०॥४२॥