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________________ प्रेरक प्रसंगः चारित्र चक्रवर्ती पू. आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के सुशिष्य, तीर्थक्षेत्र समुद्धारक, आगम के प्रामाणिक एवम् सुमधुर प्रवचनकार, युवामनीषी, ज्ञानोदय तार्थ क्षेत्र (नारेलीअजमेर) प्रेरक, आध्यात्मिक एवम् दार्शनिक सन्त मुनि श्री सुधासागरजी महाराज एवम् पू. क्षु. श्री गंभीरसागरजी एवं क्षु. श्री धैर्यसागरजी महाराज के श्री ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र, नारेली (अजमेर) पर शीतकालीन वाचना 1996 में प्रकाशित । प्रकाशक : आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र ब्यावर (राज.) ग्रन्थमाला : डॉ. रमेशचन्द जैन, बिजनौर सम्पादक एवं नियामक पं. अरुणकुमार शास्त्री, ब्यावर संस्करण : प्रथम - 1996 प्रति : 1000 मूल्य : -38- रुपये मात्र प्राप्ति स्थान : आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र "सरस्वती भवन" सेठ जी की नसियाँ ब्यावर 305 901 (राज.) श्री दिगम्बर जैन ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र नारेली-अजमेर (राज.) फोन : 33663 श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी, सांगानेर, (जयपुर-राज.) मुद्रक : निओ ब्लॉक एण्ड प्रिन्ट्स पुरानी मण्डी, अजमेर © 422291 יע
SR No.006171
Book TitleJayoday Mahakavya Ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKailash Pandey
PublisherGyansagar Vagarth Vimarsh Kendra
Publication Year1996
Total Pages270
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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