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जयोदय महाकाव्य में प्रस्तुत स्थान /217 10. कुसुम प्रदेश :
पटना के भू-भाग का प्रदेश । 11. जम्बूपुर :
विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी में एक जम्बूपुर नाम का नगर । 12. बङ्ग:
बंगाल का पुराना नाम बङ्ग है । यह सुम देश के पूर्व में है । इसकी प्राचीन राजधानी कर्ण सुवर्ण (वनसोना) थी । इस समय काली घट्ट पुरी (कलकत्ता) राजधानी है ।। 13. मालव:
यह मालवा का नाम है । पहले अवन्ती इसी के अन्तर्गत दूसरे नाम से प्रसिद्ध था पर अब वह मालव में सम्मिलित है । उज्जैन, दशपुर, (मन्दौर), धारानगरी (धार) इन्द्रपुर (इन्दौर) आदि इसके प्रसिद्ध नगर हैं । 14. वाराणसी :
यह प्रसिद्ध तीर्थस्थल है । स्टेशन से दूर मैदागिन में जैन मन्दिर और विशाल धर्मशाला है। सुपार्श्वनाथ और पार्श्वनाथ की जन्मभूमि है । काशी स्याद्ववाद जैन महाविद्यालय यहीं पर है । जयोदय महाकाव्य के प्रणेता वाणीभूषण ब्रह्मचारी भूरामल शास्त्री जी की शिक्षादिक्षा इसी विद्यालय में हुई थी। 15. सिन्धु :
यह देश अब भी सिन्ध नाम से प्रसिद्ध है और कराँची उसकी राजधानी है । 16. हस्तिनापुर :
यह पाण्डवों की राजधानी थी । यहाँ शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ, अरहनाथ, भगवान् के गर्भ जन्म, तप केवल ज्ञान हुए हैं । तीनों भगवान् की तीन नसियाँ हैं । 17. पुण्डरीकिणी :
विदेह को एक नगरी । 18. पोदनपुरः
___ बाहुवली की राजधानी । 19. सर्पसरोवर :
धान्यकमाल वन का एक सरोवर । 20. विजयार्धपर्वत :
यह एक पर्वत है जो गन्धिल प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है । यह पर्वत धरातल