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गुरुवर डॉ. दशरथ द्विवेदी प्राध्यापक गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रति मैं अत्यन्त श्रद्धानत हूँ जिनके सतत मार्ग दर्शन, प्रोत्साहन से शोधकार्य बड़ी ही सहजता से पूर्ण हुआ । .
गोरक्षनाथ संस्कृत विधापीठ के साहित्य विभागाध्यक्ष श्रद्धेय आचार्य श्री चन्द्रशेखर मिश्र का मैं आजीवन आभारी हूँ जिन्होंने समय-समय पर सत्परामर्श तथा सामग्री संकलन में यथेष्ठ सहायता प्रदान की ।
पूज्य पिता श्री रामकिंकर पाण्डेय एवं पूजनीया माता श्रीमती राधिका पाण्डेय से प्राप्त सहयोग का लेखक आजीवन ऋणी है। मेरे अनुज श्री गिरिजापति पाण्डेय लेखन कार्य में मुझे यथावसर सहयोग देते रहे, इनके प्रति मेरा हार्दिक धन्यवाद।
ग्रन्थ प्रकाशन में जिनसे सहयोग प्राप्त हुआ उनके प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित है।
जयोदय महाकाव्य के प्रणेता अमरकवि आचार्य ज्ञानसागर जी के प्रिय शिष्य पुज्य श्री 108 आचार्य विद्यासागर जी महाराज एवं उनके सुयोग्य शिष्य मुनि श्री 108 सुधासागरजी महाराज जिन्हें यह ग्रन्थ समर्पित किया गया है, के भरपूर आशीर्वाद का परिणाम है- प्रकृत ग्रन्थ "जयोदय महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन" जिन मुनिवर के अहैतु की कृपा से यह कृति आज आपके हाथ में है, उनके. ज्ञान, ध्यान, और तपोमय जीवन को मेरी सारी श्रद्धा और भक्ति समर्पित है । .
___मुनि चरण चञ्चरीक !
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- डॉ. कैलाशपति पाण्डेय