SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 120
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दुर्घटनाओं और हमले से संतों को बचाने के लिए गजरात । सरकर देती है सुरक्षा, ऐसे में यह मॉडल यहां ययों नही?. गुजरात में संतों को छोड़ने की जिम्मेदायकांस्टेबल की भास्करपला राजस्थान में विहार के दौरान सडक नाटनाओं में संतों व साध्वियों का रिहा है देवलोकगमन । भास्कर न्यायपुर गुजरात से सबक ले सकता है राजस्थान दो राज्या समस्या एका संतों व साध्वियों की बिहार राजस्थान में संत साध्वियों की बिहार के दौरान आए | के दौरान सड़क दुर्घटनाओं दिन मृत्यु हो रही है, लेकिन यहां गुजरात की तरह ऐसी कोई व्यवस्था नही है। समस्त महाजन संस्था में मौत। गुजरात सरकार ने तो समाधान निकाल लिया। के मेजिन ट्रस्टी विरीत माई बाह ने बताया कि वहां संतों के विहार के दौरान डेढ़ साल पहले पेवल विहार करते समय मुजरात में पुलिस के सिपाही साथ रहते दुर्घटना में एक संत की नेत ले गई या इससे जैन है, लेकिन राजस्थान सरकार समाज के लोग उतिहर और आंदोलन किया। बाद ने अभी तक कोई कदम नहीं में समाज के लोग गृह राज्य मंत्री से मिले और पुलिस उठाया है, जबकि सबसे . इमदाद की मांग की समाज के संगठनों व सरकार अधिक मौतें यहीं हो रही है। की बाय गुजरात में पैदल विहार करने वाले गुजरात में डेढ़ साल दोवतीय को व्यापलित को संगठनों गार) पहले एक संत की सड़क दी जाती है। संबधित याने के दोकास्टवल संतो को दुर्घटना में मौत हो गई थी। अगले पुलिस थाना क्षेत्र तक पहुंचाते है और आगे उसके बाद वाहन-सा सूचनाभादतहायहक्रम अनेसे अमेघालता के लोगों ने रोष जताया। हता है। इसके अलावा हाइवे पर पेट्रोलियम करने आंदोलन किया और सरकार वली पुलिस की टीमें भी व्यत्र देती है। से बात भी। परिणाम यह समाज के.यवा भी सक्रिय निकला कि गुजरात सरकार जैन संतो की प्रेरणा के बाद मुजरात में कार्यरत युवा ने विहार के दौरान संतों संगठनों से जुड़े लोग सक्रिय हुए । यूयमी विहार । को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करने वाले कल के साथ रहने होकायचा अलग। करवाई। तब से अब तक अलग ग्रुप बनाए गए है जो बारी-बारी से अपना हादसों में कमी आई है। सेवाएं देते है। विशेष नोट राजस्थान सरकार द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 18.7.97 के बिन्दु सं. 2 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि पुलिस अधीक्षकों को 11.7.97 एवं 16.7.97 को निर्देशित किया कि जैन साधु-साध्वी को विहार एवं प्रवास के समय पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करोई जावे। श्रावकों का कर्तव्य है कि वे संबंधित पुलिस थाने को सूचना देकर आवश्यक प्रबंध करावें। -1114
SR No.006170
Book TitleAnup Mandal Ki Apradhik Karyavahi Ke Viruddh Rajy Sarkar Dwara Jari Adhisuchnaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
PublisherBharatiya Sanskruti Samanvay Samsthan Jodhpur
Publication Year2015
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy