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सद्दसूई
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पण्हो
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पुक्कलं
पइण्णा पउरो
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पउत्तिं
पद्मो
प्रश्न बहत प्रतिज्ञा पुरवासी जन प्रवृत्ति को प्रथम - स्वीकार करूंगा प्रतिज्ञा करो स्वीकार करता है अर्पित करके अर्पित करता हूं नारकीय जीव परस्पर में समर्थ होता है
बहुत
पडिजाणिहामि - पडिजाणेज्ज - पडिसुणेइ पणामिऊण - पणामेमि परेआ - परोप्परे पारेइ पाहुडं पासिद्धिं - पिसुणेइ पुढमो - पुरिमं पेरंतं
वाउलो
प्रसिद्धि को
कहता है
रुच्चस्स - पति के लुक्को - रूग्ण लुट्टिउं - लूटने के लिए वज्जरेमि - कहता हूं वम्फेइ - चाहता है विण्णपुरिसेहिं - विज्ञ पुरुषों के द्वारा वइरं - वैर वईओ बीत गया वएज्ज
चलें वहुत्ता
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- व्याकुल वाहाण
- घोड़ों का विअणा - वेदना विढवेउकामा - अर्जित करने के इच्छुक विवहं - भार को विहीरेइ - प्रतीक्षा करता है विहूणो - रहित बुंदारयपरियरेहि - देव परिवार से संतणं
सान्त्वना को संथवं
परिचय संथुअं - परिचय
एक बार
स्मृति सण्हाअ दिट्ठीअ- सूक्ष्म दृष्टि से
साथ समं
श्रम समयण्णू
समयज्ञ सयराहं
शीघ्र सहा - समर्थ साही
वृक्ष साहेइ
कहता है
पवित्र सोमाला सुकुमाल (स्त्री) हक्केइ - निषेध करता है हलुअं हल्का,लघु हियया
हितकारी हियं
हृदय
फंदेइ
सइ
सई
बलिउट्ठाण बाहिं बाहिरं बुज्झा बोलेइ
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प्रथम पहले पर्यन्त स्पन्दन करता है कौवों का बाहर बाहर जानकर बीतता है मानकर . मलिन मलिनता को मृत्यु का माना चाहता है मत सीमा व्यर्थ
सम
मत्ता
मइलं मइलत्तं मईअ
मयं
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मेरा
मोरउल्ला रिक्कं रिओइ
रिक्त
प्रवेश करता है