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मूकमाटी-मीमांसा :: 539 दोहा शतक संग्रह (अनेक शतकों एवं रचनाओं का संकलन), प्रकाशक- के. एस. गारमेण्ट्स, २५ - खजूरी बाजार, इन्दौर-४५२ ००२, मध्यप्रदेश, फोन - (०७३१) २५३५९५३, प्रथमावृत्ति-१९९७, पृष्ठ- ११६ । स्तुति मंजूषा (आचार्य विद्यासागर द्वारा लिखित पांच शतकों आदि का संकलन), संकलन एवं सम्पादनआर्यिका श्री विशालमतीजी, प्राप्तिस्थान- श्री दिगम्बर जैन पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र कमेटी, बिजौलिया३११ ६०२, भीलवाड़ा, राजस्थान, प्रथम आवृत्ति - १९९७, पृष्ठ-२०८ ।
सिद्धोदय सार (सिद्धोदय तीर्थ, नेमावर, देवास, मध्यप्रदेश के प्रवास पर १९९७ में प्रदत्त ३८ प्रवचनों का सार-संग्रह), संकलन-ऐलक श्री नम्रसागरजी महाराज, प्रकाशक- अनिल कुमार जैन, बाम्बे - सागर रोडवेज, क्वेटा कॉलोनी, नागपुर - ४४०००२, महाराष्ट्र, फोन - (०७१२) २७७१४९१, २७७००८५, प्रथमावृत्ति१९९८, पृष्ठ-१०+१३४, मूल्य-१० व्यक्तियों को शाकाहारी बनाना ।
आदर्शों के आदर्श (१० प्रवचनों का संग्रह), सम्पादक- मुनि श्री सुधासागरजी महाराज, प्रकाशक- भगवान् ऋषभदेव ग्रन्थमाला, श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी, सांगानेर - ३०३९०२, जयपुर, राजस्थान, फोन-(०१४१)२७३०३९०, प्रथमावृत्ति - १९९९, पृष्ठ ४+११६, मूल्य २० रुपए ।
अहिंसा का सूत्र (प्रवचनांश), संकलन - मुनि श्री अजितसागरजी महाराज, प्रकाशक - श्रीमती मीना अनिल कुमार जैन, बाम्बे सागर रोडवेज, क्वेटा कॉलोनी, नागपुर, महाराष्ट्र द्वितीयावृत्ति-१९९९, पृष्ठ-३६। विद्या- कथा - कुंज ( महाकवि आचार्य विद्यासागर ग्रन्थावली, भाग-चार पर आधारित ६३ नैतिक शिक्षाप्रद कहानियाँ), प्रकाशन सम्प्रेरक - मुनि श्री सुधासागरजी महाराज, संकलक-डॉ. कस्तूरचन्द्र जैन 'सुमन', प्रकाशक- श्री दिगम्बर जैन साहित्य संस्कृति संरक्षण समिति, डी - ३०२, विवेक विहार, दिल्ली - ११० ०९५, प्रथमावृत्ति - २०००, पृष्ठ- १२+७०, मूल्य १५ रुपए ।
तपोवन देशना (गुजरात प्रवास - १९९६ पर प्रदत्त २४ प्रवचनों का संग्रह), संकलक-ऐलक श्री निर्भयसागरजी महाराज, सहयोगी-ऐलक श्री प्रज्ञासागरजी महाराज, प्रकाशक - श्री सकल दिगम्बर जैन समाज खाँदू कॉलोनी, बाँसवाड़ा, राजस्थान, प्राप्तिस्थान - चेतक सेल्स कार्पोरेशन, १०७ - कामर्शियल एरिया, बाँसवाड़ा, राजस्थान, फोन-(०२९६२)२४१६६१, प्रथमावृत्ति - २०००, पृष्ठ-६+८६ ।
कुण्डलपुर देशना (कुण्डलपुर - १९९५ एवं नेमावर - १९९७ में प्रदत्त प्रवचन - सार संग्रह ), सम्पादन- ऐलक श्री निश्चयसागरजी महाराज, प्राप्तिस्थान - श्री दिगम्बर जैन अतिशय - सिद्धक्षेत्र कुण्डलपुर, दमोह, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति - २००१, पृष्ठ- १६+१२०, मूल्य १५ रुपए ।
प्रवचनसार (‘प्रवचनसार' ग्रन्थ का भावानुवाद), पद्यानुवादक- आचार्य विद्यासागर, प्रकाशक-चक्रेश जैन, चक्रेश किराना स्टोर्स, इतवारी बाजार, छिन्दवाड़ा - ४८०००१, मध्यप्रदेश, फोन - (०७१६२) २२४२०६, प्रथमावृत्ति - २००१, पृष्ठ - ५+१०५ ।
धर्मदेशना (श्री दिगम्बर जैन सिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र, नेमावर, देवास, मध्यप्रदेश में दशलक्षण पर्व, १९९७ पर प्रदत्त प्रवचन संग्रह), प्रकाशक- ज्ञानोदय प्रकाशन, पिसनहारी की मढ़िया, जबलपुर - ४८२००३, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति - २००१, पृष्ठ- १३६, मूल्य - २० रुपए ।
Samana Suttam (Compiler - Jinendra Varni, Hindi Padyanuvad - Acharya Vidya Sagar) English Translator and Comantrator - Dasharathlal Jain, Pub.-Shri Digambar Jain Yuvak Sangh, Vidyasagar Nagar, Opp. Satyam Gas, Vijay Nagar, M.G. Road, Indore-452 010, Madhya Pradesh, Phone - (0731) 2570687, 2571851, 2570689, Mob. 98272-42453, First Edition