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________________ 526 :: मूकमाटी-मीमांसा ११. दिव्यध्वनि (त्रिभाषिक मासिक -- आचार्य विद्यासागर विशेषांक, जुलाई-अगस्त, १९९१), प्रकाशकश्रीमद् राजचन्द्र आध्यात्मिक साधना केन्द्र, श्री सत्श्रुत सेवा साधना केन्द्र, कोबा - ३८२ ००९, गाँधीनगर, गुजरात, फोन - (०७९) २३२७६२१९, २४८३१४८४, पृष्ठ- १२० । विद्या- शतक (आचार्य श्री विद्यासागरजी का काव्यमय जीवन परिचय), रचयिता - प्रो. शीलचन्द जैन, छिन्दवाड़ा, प्रकाशक-श्री दिगम्बर जैन गोलापूर्व समाज, छिन्दवाड़ा, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति - १९९२, पृष्ठ- ४+१४१ गुरु गरिमा शतक (आचार्य श्री विद्यासागर शतक), रचयिता - मुनि श्री समतासागरजी महाराज, प्रकाशकराजेन्द्रकुमार जैन, मेसर्स-दशरथलाल राजेन्द्रकुमार जैन, सतना, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति-१९९२, पृष्ठ-३२ । विनय-पंचकम् (आचार्य विद्यासागर स्तवन, ३ जनवरी, १९९३) रचयिता - डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य । विद्या-वन्दना (आचार्य श्री ज्ञानसागरजी एवं आचार्य श्री विद्यासागरजी पर लिखित अनेक पूजन, आरती, भजनरूप भक्तिप्रसून संकलन), प्रकाशक- विद्या साहित्य प्रकाशन समिति, विदिशा, मध्यप्रदेश, प्राप्तिस्थानडॉ. वीरेन्द्र जैन, १०- सुभाष पथ, विदिशा, मध्यप्रदेश, प्रथमावृत्ति - १९९३, पृष्ठ-८+१७६, मूल्य- २० रुपए। १२. १३. १४. १५. १६. १७. १८. १९. २०. २१. २२. २३. शब्द सुमन माला ( आचार्य विद्यासागर शतक), रचयिता श्रीधर शर्मा, लखनादौन, सिवनी, मध्यप्रदेश, प्रकाशक-प्रो. सुरेश चन्द जैन, वाणिज्य विभाग, शासकीय महाविद्यालय, देवरी, सागर, मध्यप्रदेश, प्रथमआवृत्ति - १९९३, पृष्ठ- ४८ । विद्याष्टक (गुरु वन्दना) - ( 'चतुष्टय अष्टक मंजरी' के अन्तर्गत संग्रहीत ), मुनि श्री स्वभावसागरजी महाराज,), प्रकाशक-त्रिलोकचन्द्र महेन्द्रकुमार गदिया, नया बाजार, अजमेर, राजस्थान, प्रथमावृत्ति१९९३, पृष्ठ- ८ । अमूर्त शिल्पी : आचार्य श्री विद्यासागर ( व्यक्तित्व और विचार ) - मुनि श्री क्षमासागरजी महाराज, प्रकाशक- गुना, मध्यप्रदेश के जैन युवाओं की विनम्र प्रस्तुति, प्रथम संस्करण - १९९४, पृष्ठ-१६ । विद्याष्टकम् (स्वोपज्ञ संस्कृत व हिन्दी टीका एवं चित्र बन्ध, शब्दकोश आदि सहित ), रचयिता - मुनि श्री नियमसागरजी महाराज, सम्पादक - डॉ. प्रभाकर नारायण कवठेकर, पूर्व कुलपति - विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, प्रकाशक-प्रदीप जैन, प्रदीप कटपीस, अशोकनगर, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति - १९९४, पृष्ठ३७+२००, मूल्य-१०० रुप ए । कुन्दकुन्द वाणी (मासिक, आचार्य विद्यासागर दीक्षा स्मृति दिवस विशेषांक, जून - जुलाई, १९९४) - सम्पादक-कमलकुमार जैन बाकलीवाल, श्री कुन्दकुन्द प्रकाशन, जैन बाड़ा, दौलतगंज, ग्वालियर, मध्यप्रदेश, फोन - (०७५१) २३२५०२६ । ज्योतिर्मय निर्ग्रन्थ (आचार्य श्री विद्यासागरजी के व्यक्तित्व पर उपन्यासात्मक प्रस्तुति), लेखक एवं प्रकाशकमिश्रीलाल जैन एडव्होकेट, विद्यानिधि प्रकाशन, पुराना पोस्ट ऑफिस मार्ग, बताशा गली, गुना-४७३ ००१, मध्यप्रदेश, फोन-(०७५४२) २५५९०६, प्रथम आवृत्ति - १९९४, पृष्ठ- १११, मूल्य - ३० रुपए । युगपुरुष आचार्य श्री विद्यासागर (व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व परिचय), लेखक - प्रो. शीलचन्द जैन, हिन्दी विभाग, डेनियलसन कॉलेज, छिन्दवाड़ा, प्रकाशक - श्रीमती कुसुम जैन, झण्डा चबूतरा के सामने, मु. पो. -घुवारा४७१ ३१३, टीकमगढ़, मध्यप्रदेश, प्रथम आवृत्ति - १९९४, पृष्ठ- १२ । श्रमण परम्परा के आदर्श सन्त: जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज (हिन्दी एवं गुजराती), लेखक
SR No.006156
Book TitleMukmati Mimansa Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhakar Machve, Rammurti Tripathi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2007
Total Pages648
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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