SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 629
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मूकमाटी-मीमांसा :: 541 २०. १९. 'मूकमाटी' महाकाव्य का मराठी भाषा में व्याख्यात्मक अनुशीलन, श्रीमती विजया अविनाश संगई, अंजनगाँवसुर्जी - ४४४ ७०५, अमरावती, महाराष्ट्र, फोन-(०७२२४)२४२०७९ द्वारा ‘सन्मति' (मराठीमासिक), बाहुबली विद्यापीठ, कुम्भोज बाहुबली-४१३ ११०, कोल्हापुर, महाराष्ट्र, फोन-(०६१८६) २४८४४२२ के जुलाई से दिसम्बर, २००१ के अंकों में 'मूकमाटी' के प्रथम खण्ड का धारावाहिक रूप में प्रकाशन। आलोक कथाएँ (जीवन के उत्कर्ष की ९८ कथाओं के अन्तर्गत 'मूकमाटी' महाकाव्य की विषय-वस्तु पर केन्द्रित 'दम्भी का सिर नीचा' शीर्षकगत ६० वीं कथा), लेखक-पद्मश्री यशपाल जैन, प्रकाशक-मन्त्रीसस्ता साहित्य मण्डल, एन-७७, कनॉट सर्कस, नई दिल्ली-११० ००१, फोन-(०११) २३३१०५०५, ५१५२३५६५, द्वितीय आवृत्ति-२००१, पृष्ठ-११६, मूल्य-२५ रुपए। २१. The Silent Earth ('मूकमाटी' का अंग्रेजी रूपान्तरण), अनुवादक-लालचन्द जैन, पूर्व अध्यापक-वर्णी जैन इन्टर कॉलेज, आलोक भवन', ३९- छत्रसालपुरा, ललितपुर-२८४४०३, उत्तरप्रदेश, फोन-(०५१७६) २७२६४०, २७३७४७, २००२ ई., भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, १८-इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली-११० ००३ से प्रकाशनाधीन। २२. 'मूकमाती' ('मूकमाटी' का मराठी रूपान्तर), अनुवादक-मुनि श्री समाधिसागरजी महाराज, प्रकाशक भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, १८-इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नई दिल्ली-११० ००३, प्रथम आवृत्ति २००२, पृष्ठ-३२+४८८, मूल्य-१५० रुपए। २३. 'मूकमाटी' महाकाव्य के ६४ चयनित काव्यांशों पर रेखाचित्रांकन-चित्रकार-प्रकाश माणिकसा राऊळ, शिक्षक-सीताबाई संगई कन्या शाला, संगई स्कूल के सामने, अंजनगाँव सुर्जी-४४४ ७०५, जिला-अमरावती, महाराष्ट्र, फोन-(०७२२४) २४२९६२, २४२०७९, २००४ ई., में तैयार किए गए चित्र, 'मूकमाटी-मीमांसा' (तीन खण्ड) में प्रकाशित । 'मूकमाटी' का बंगला रूपान्तरण, अनुवादक-ब्र. शान्तिकुमार जैन, तेरापन्थी कोठी, मधुवन-सम्मेद शिखरजी, गिरिडीह, झारखण्ड, फोन-(०६५२८) २३२२२८, २३२२२२, २००५ ई., अप्रकाशित । 25. Silent Soil (Mukamati) Author- Aacharya Vidyasagar, Translated by-Gyan Chand Biltiwala, Biltiwala House, Behind Rajasthan School of Arts, Kishanpole Bazar, Jaipur-302 003, Rajsthan, Phone (0141)2313970,2372640,Published by-Bhagwan Rishabhdev Granthmala, Shri Digamber Jain Atishaya Kshetra, Mandir Sanghiji, Sanganer, Jaipur, Rajsthan, Ph. (0141) 2730390, Fax-2731952, First Edition-- 2005, Page -- 42+512, Price-- 150/-. २६. 'मूकमाटी' महाकाव्य का कन्नड़ काव्यानुवाद- अनुवादक-श्री बी.पी. न्यामगौड़ा, प्रोफे. कन्नड़ विभाग, कुसुमावती मिरजी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, बेडकीहाळ- ५९१ २१४, तालुका चिक्कोड़ी, बेलगाम, कर्नाटक, फोन-(०८३३८) २६२५९८, २००५ ई., प्रकाशनाधीन ।
SR No.006155
Book TitleMukmati Mimansa Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhakar Machve, Rammurti Tripathi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2007
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy