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________________ मूकमाटी-मीमांसा :: 527 नई दिल्ली-११० ००२, प्रथमावृत्ति-२००५ ई., पृष्ठ- ५८+५३ चित्र। ४३. परमपूज्य आचार्य श्री ज्ञानसागरजी एवं आचार्य श्री विद्यासागरजी के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व विषयक शोध सन्दर्शिका, संकलन-डॉ. शीतलचन्द जैन, प्राचार्य-श्री दिगम्बर जैन आचार्य संस्कृत महाविद्यालय, सांगानेर, जयपुर, राजस्थान, प्रकाशक-मैत्री समूह, प्राप्तिस्थान -- १/२०५, प्रोफेसर्स कॉलोनी,हरिपर्वत, आगरा, उत्तरप्रदेश, फोन- (०५६२) २१५११२७, मो. ०९८३७०-२५०८७, प्रथमावृत्ति- २००५, पृष्ठ- ५४, मूल्य-२० रुपये। ४४. संस्मरण (आचार्य विद्यासागर महाराज के ५३ प्रेरक प्रसंगों का संकलन एवं कुछ अन्य रचनाएँ), संकलन एवं सम्पादन - मुनि श्री कुन्थुसागरजी महाराज, प्राप्ति स्थान - श्री दिगम्बर जैन मन्दिर ट्रस्ट कमेटी, लक्ष्मीनारायण वार्ड, करेली, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश, पृष्ठ-७२. प्रथमावृत्ति-२००६ । 45. In Ouest of the self (The life story of Aacharya Shri Vidyasagar) By-- Muni Kshamasagar Translated by--Kamalkant Jaswal (Retired Secretary,Department of Information Technology, Govt. of India), Publishedby--BhartiyaJnanpith,18-Institutional Area, Lodi Road, New Delhi110003, First Edition-2006, Page-154, Price - Rs.100/-. आल्हा- आचार्य श्री विद्यासागरजी के त्याग पर, रचयिता-फूलचन्द सिंघई, प्रकाशक-सिंघई फूलचन्द रतनचन्द जैन सराफ, राजेन्द्र फ्लोर एण्ड ऑयल मिल्स, मु.पो. बड़गाँव, कटनी, मध्यप्रदेश, पृष्ठ-१४ । ४७. विद्यासागर पंचविंशतिका, रचयिता-नवरतन पाटनी कालूवाला, पाटनी सदन, हाथी भाटा, अजमेर, राजस्थान। ४८. 'आत्मान्वेषी' (मुनि श्री क्षमासागरजी द्वारा आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के जीवन - वृत्त पर आधारित 'आत्मान्वेषी' कृति का मराठी अनुवाद), अनुवादक - श्री व्ही.ए. मनोरकर जैन, ज्ञान-विद्या', प्लाट नं. ५९, नई गजानन कॉलोनी, गारखेड़ा, औरंगाबाद-४३१ ००५,महाराष्ट्र, फोन - (०२४०) २४४२७९५, मो. ९९६०४ - ३८११५, सम्पर्क सूत्र - दिगम्बर जैन सेवा समिति, द्वारा-गोमटेश इलेक्ट्रॉनिक्स, सराफा रोड, खादी भण्डार के सामने, औरंगाबाद-४३१ ००१, महाराष्ट्र, अप्रकाशित। ४९. (क) अर्चन के सुमन, (ख) प्रणाम, (ग) विद्या पंचक- रचयिता-ऐलक श्री उदारसागरजी महाराज। विद्यासागर आल्हा - हरगोविन्द विश्व, सागर, मध्यप्रदेश । ___ विद्यासागर आल्हा - शैलेन्द्र जड़िया, सागर, मध्यप्रदेश । ५२. विद्याष्टकम् (संस्कृत)- रचयिता-डॉ. भागचन्द्र जैन 'भागेन्दु', २८-सरोज सदन, सरस्वती कॉलोनी, दमोह-४७० ६६१, मध्यप्रदेश, फोन-(०७८१२)२३११३५, मो. ९४२५४-५५३३८, प्रकाशक- श्री भागचन्द्र इटोरिया सार्वजनिक न्यास, स्टेशन रोड, दमोह, मध्यप्रदेश। गुरु भक्ति (गुरु वन्दना-आचार्य भक्ति, आचार्य श्री ज्ञानसागरजी महाराज एवं आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज की पूजन, आरती), प्रकाशक-श्री दिगम्बर जैन युवक संघ, सत्यम गैस के सामने, ए. बी. रोड, इन्दौर-४५२ ०१०, मध्यप्रदेश, पृष्ठ-४०, मूल्य-५ रुपए। विद्या थुदि (मुनि श्री नियमसागरजी महाराज द्वारा केवल आठ अक्षरों के आधार पर आठ श्लोकों सहित चित्रालंकार युक्त विद्याष्टकम्' संस्कृत स्तवन एवं ऐलक श्री सम्यक्त्वसागरजी महाराज द्वारा उसके पद्यानुवाद का लघु प्रकाशन), प्रकाशक-जैन समाज, गुना, मध्यप्रदेश, पृष्ठ-३२ । ५५. ज्ञानदूत विद्याधर ('विद्याधर' से 'आचार्य विद्यासागर' बनने की ३८ चित्रमय प्रस्तुति), सम्पादिका
SR No.006155
Book TitleMukmati Mimansa Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabhakar Machve, Rammurti Tripathi
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2007
Total Pages646
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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