SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 458
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ओढे पहिरै रातो । धावै, ए जीत ववहार विख्यातो ॥ काजै, गोबर राख लगावै । साजी लगावै ते आली रहै निशि, ए जीत ववहार में आवै ।। लगावै, तै पिण रहै छै रातो । ओढै, ए जीत रहै निशि जूं ववहार कहातो ॥ आदि रक्षा काजो । ववहार समाजो || इमहिज तंतू रे साजी गुगलादिक, ए जीत तिण मांहि दोष कहो अथवा १७३ इत्यादिक जीत ववहार तणां जे, कहि कहि किता कहूं बोलो । किम कहिये, आंख अभिंतर खोलो || वर्त्तमानज, अथवा अनागत काळो । आचार्य, ते अंगीकार करणां न्हालो । आचार्य ताही । आज्ञा सदाइ ॥ नै तो दोष न होई । बाधै जीत बाध्यां में, पछला तुरत छोड़ देणो, ए तसु सेव्यो आचार्य, त्यां आचार्य बांधै ते किण १७८ नित्यपिंड अंजण सुगंध कारण पड़िया आज्ञा दीधी १७९ उद्देसिक रात्रि भोजन निर्दोष जाण सेवे तो, त्यां नै पिण दोष न कोई || सूत्र में वय, तेहनो जीत ववहारो । विधि मांनणो, हिव तसु उत्तर सारो ॥ झाड़ में, सूत्र विषै अणाचारो । आचार्य, ते किम मानो जीत ववहारो ॥ सिय्यातर, ने पिण को अणाचारो । सेवणो नहीं छै, बुद्धिवंत न्याय विचारो ॥ नीत वाळा जे गणपति महागुणवांनौ । किम थापै, समझो चतुर सुजानो ॥ जीत ववहार, जे किमाड़ियादिक बोलो । पिण कारण पड़यां १८० पक्षपात रहित ते जीत ववहार असुद्ध १८९ ते माटे भिक्षु बांध्यो तिण नै छोटी लुगाई रो दृष्टांत देवै, तिण नै जाणजो फूटो ढोलो || १८२ असम्यक् पिण सम्यक् जाणी सेवै, ते मुनि नै सम्यक् आख्यो । आचारांगे' पंचमझयणे, पंचम उद्दे निर्दोषण दाख्यो ॥ भोगवै अध्ययन, पाप भाख्यो १६९ खंडिया रा कळप रौ कपड़ो धोवै, ते धोयो मुंहपति पडला रस्तानांदि १७० पात्रादिक रंग उतारण १७१ तन बड़ा रे आटादिक तावादि कारण तंतू अधिक १७२ अमल सूंठादि सिर रे लगायां, १७४ अतीत अद्धा जीत ववहार थी १७५ अतीत आचार्य दोष देखै तो १७६ निरदोष जाण नै पछला पिण १७७ कोइ कहै जै १८३ आधा कर्मी निर्णय कर लीधु, सुगडांग इकसम १. आयारो ५ ।५।९६ ४३२ तेरापंथ : मर्यादा और व्यवस्था न जाणी । नाणी ॥
SR No.006153
Book TitleTerapanth Maryada Aur Vyavastha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Madhukarmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2004
Total Pages498
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy