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________________ १ दोहा कुण-कुण वस्तु हाथ सूं, लेवे महा मुनिराय । ढाळ सातमी ने विषै, जीत परंपर मांय ॥ 'धोवण उष्णोदक, कर स्यूं ले मुनिराय । जल इकबीस जात नूं, बलि तसु मिलतो ताय ॥ आचारंग दूजे, प्रथमध्ययन पिछाण । सप्तम अष्टम उद्देशे, वारू श्री जिण बाण ॥ कर स्यूं ले आछण, इकबीसा में ताम | वर अर्थे अनूपम, आछण एहवो नाम ॥ उन्ही छाछ उपरली, मुनि निज कर स्यूं उतारी । आछण ले तेह में, दोष न सुध ववहारी ॥ बलि मांड चावळ नों, ते पिण कर स्यूं लेवे । विवेकी इक बीस जात में, न्याय वैवै ॥ कर स्यूं लेवे ताम । बलि ओषध - भेषज, दान चवदे तेहना कितायक नाम । हिवे विगत ओषधी, हुँ अचित्त मीरच नें जीरो, एलायची नें बिदाम ॥ अभिलाख ॥ बलि उचित सिंघाड़ा, नोजा, पीस्ता, दाख | खारक, सोपारी, इसबगुल, १० अजमो आसाळ्यो, मेथी ने बलि अनारदाणा, अचित्त किया ११ बलि लवण, जायफळ, पबोड़ी, करस्यूं ले बिराली, अचित्त कियां १२ लवंग, सूंठ, गूंद, बलि, कस्तूरी बलि अचित्त नींवझर, गोली २ ३ ४ ५ ६ 19 ८ ९ ढाळ ७ १. लय-नमूं अनंत चोबीसी २. आयार चूला १ । १०१ प्रकार में, न्यारा ३. अरेठा के बीज ४. इमली के बीज नाम ॥ खुरमाणी । ले जाणी ॥ कूंगा" पेख । सुविशेख ॥ नें कपूर । भूर ॥ चूरण पंरपरा नीं जोड़ : ढा० ७ : ३६५
SR No.006153
Book TitleTerapanth Maryada Aur Vyavastha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Madhukarmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2004
Total Pages498
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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