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आयरिए आराहेइ, समणे यावि तारिसो। गिहत्था वि णं पूयंति, जेण जाणंति तारिसं।। आयरिए नाराहेइ, समणे यावि तारिसो। गिहत्था वि णं गरहंति, जेण जाणंति तारिसं॥
इति 'दशवैकालिक में कह्यो ते मर्यादा आज्ञा अखंड आराध्या इहभव परभव में सुख कल्याण हुवै।
१. दसवेआलियं, ५/२/४५,४०
३२८ तेरापंथ : मर्यादा और व्यवस्था