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लघुसिद्धान्धुकौमुद्याम् प्रयोगाः भाषार्थः । प्रयोगाः भाषार्थः चातुर्दशम्-चतुर्दशी को दीखनेवाला । | तत्रत्यः-वहाँ का। स० १०६६
नित्यः-नित्य । राष्ट्रियः-राष्ट्र में होनेवाला।
स. १०७४ अवारपारीणः-पारंगत ( तत्वज्ञ )। शालीयः-शाला में पैदा हुआ। अवारीणः-पारंगत, तत्वज्ञ ।
मालोयः-माला में -, "
'तदीयः-उसका। पारीणः-पारंगत ( तत्वज्ञ )। पारावारीण:--पारंगत, तत्वज्ञ ।
! देवदत्तीयः-देवदत्त का। स० १०६७.
दैवदत्तः-देवदत्त का। ग्राम्यः-ग्राम में होनेवाला।
सू० १०७५ ग्रामीण:-ग्रामीण।
गहीयः- गह देश में पैदा हुआ। स०१०६८
सू० १०७६ नादेयम्-नदी में होनेवाला। युष्मदीयः-आपका । माहेयम-पृथ्वी में होनेवाला।
अस्मदीयः-हमारा। वाराणसेयम्-वाराणसी में होनेवाला। यौष्माकीण:-आपका।
सू० १०७७ दाक्षिणात्यः-दक्षिणी।
आस्माकीनः-हमारा। पाश्चात्यः-पश्चिमी ।
यौष्माकः-आपका। पौरस्त्यः-पूर्वी ।
आस्माकः-हमारा। सू० १०७०
सूत्राङ्काः १०७८ दिव्यभ-स्वर्ग में पैदा हुआ।
तावकीन:-तेरा। प्राच्यम्-पूर्व में पैदा हुआ।
तावक:अवाच्यम्-दक्षिण में,, ।
मामकीन:-मेरा। उदीच्यम्-उत्तर में ,, ।
मामकः- । प्रतीच्यम्-पश्चिम में ,, । . सू० १०७१
सू० १०७६ अमात्यः-मन्त्री।
त्वदीयः-तेरा। इहत्यः-यहाँ का।
मदीयः-मेरा। क्वत्यः-कहाँ का।
त्वत्पुत्रः-तेरा पुत्र । ततस्त्या -वहाँ का।
मत्पुत्रः-मेरा पुत्र ।