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________________ [ 50 ] भूल राजनीति के अनुसार प्रबन्ध किया था। इस में द्रोपदी महासती को मिथ्यात का कलंक देना, प्रिय ! यह बात कितनी की है । ( पूर्वपक्ष ) द्रोपदी को समकित होती तो उनके घर में 6 प्रकार के आहार किस वास्ते होते ? ( उत्तरपक्ष ) यदि घर में आहार होने से ही मिथ्याती कहते हैं तो सुन लीजिये ( 1 ) सूत्र उपासकदशा अ० 8 महाशतक श्रावक के घर में 6 प्रकार का आहार होता था और महाशतक की स्त्री (रेवती) 6 प्रकार का आहार करती थी। इसमें महाशतक श्रावक का श्राक्कपना मानते हो या नहीं ? राजा की पुत्री इकट्ठे किये थे ! ( 2 ) सूत्र उत्तराध्ययन अ० 22 उग्रसेन राजमती के विवाह के अन्दर हजारों जानवर श्रीनेमनाथ प्रभु आदि जान (बरात) लेके पधारे थे अब फरमाएँ राजमतीजी के समकित में कुछ शंका है. देवी राजमतीजी के वास्ते गणधर भगवान ने फरमाया है ( संजताए सुभासिय ) राजमती जो को संजती कहा है । लो राजमती को तो आप भी मानते हैं न ! क्या उनकी तरह आप भी विवाह में जानवर इकट्ठे करते हैं ? तब आप को कहना ही पड़ेगा कि उग्रसेन राजा तो समकिती था । परन्तु विवाह में प्राये हुए कितने ही राजा उनके साथ में मिथ्याती थे, इस वास्ते जानवर इकट्ठे किये थे । बन्धु ! राजमती जी श्रौर द्रोपदी जी दोनों समकित में अव्वल मानी गई हैं । 1 जैसा मजमान वैसी सरभरा. 2 उग्रसेन राजाकु जेठमल ढुंढकने भी सम्यक्ती लिखा हैं ।
SR No.006134
Book TitleGayavar Vilas Arthat 32 Sutro Me Murtisiddha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar
PublisherSukanraj S Porwal
Publication Year1999
Total Pages112
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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