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________________ सकलतीर्थ वंदना २९९ . rr स्थान शाश्वत चैत्य संख्या । १५. देवकुरु के क्षेत्र में • सीतोदा नदी के द्रह में • चित्र-विचित्र दो पर्वत पर • पाँच द्रहो के • कंचनगिरि के १६. शाल्मलिवृक्ष के ११७ • मध्य का • बाहर • घूमते ८ कूटों पर १७. गजदंत पर्वत के • सोमनस पर्वत का • विद्युत्प्रभ • देवकुरुक्षेत्र के मध्य में कुल २२८ चैत्य १८. उत्तरकुरु के क्षेत्र में • सीतानदी के द्रह का • यमक-समक पर्वत के • पाँच द्रह के • कंचनगिरि के • जंबूवृक्ष के गजदंतपर्वत के • माल्यवंत पर्वत का • गंधमादन पर्वत का उत्तरकरु के मध्य में २२८ चैत्य (२२८x२=) ४५६ चैत्यx१२० प्रतिमाएँ = कुल ५४७२० प्रतिमाएँ | M r 3 ० ० ० कुल
SR No.006128
Book TitleSutra Samvedana Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2015
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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