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________________ ३०५ क्रम विषय पृष्ठ नं. क्रम विषय पृष्ठ नं. ० तिर्छालोक के 0 जंबूवृक्ष के चैत्यों का चित्र ३०१ शाश्वतचैत्यों की वंदना २९० / O मेरुपर्वत के चैत्य ३०२ 0 जंबूद्वीप के भरतादि क्षेत्र के O मेरुपर्वत के चैत्यों का चित्र३०४ शाश्वत चैत्य 0 धातकी खंड - पुष्करवरभारतादि क्षेत्र के द्वीप के चैत्य चैत्यों का चित्र ० महाविदेह क्षेत्र के 0 नंदीश्वरद्वीप के चैत्य शाश्वत चैत्य के चित्र 0 महाविदेह क्षेत्र के 0 व्यन्तर आदि के चैत्य ३०९ चैत्यों का चित्र २९७ 0 दक्षिणार्ध भरत के ० देवकुरु और उत्तरकुरु ___ प्रसिद्ध तीर्थ ३१५ क्षेत्र के शाश्वत चैत्य ३०० ० विहरमान जंगम तीर्थवंदना ३२६ 0 देवकुरु आदि में चैत्यों के ० साधु भगवंतों की वंदना ३३१ चित्र ३०० ३०६ ग्रंथ विषय सूत्र क्रम सूत्र संवेदना - १ सामायिक के सूत्र चैत्यवंदना के सूत्र सूत्र संवेदना - २ सूत्र संवेदना - ३ सूत्र संवेदना - ४ प्रतिक्रमण के सूत्र २६ - ३२ वंदित्तु सूत्र सूत्र संवेदना - ५ ३४ -४७ आयरिय उवज्झाए से सकल तीर्थ तक के सूत्र सूत्र संवेदना - ६ प्रतिक्रमण के हेतु, पौषध के सूत्र, विधि और हेतु पच्चक्खाण के सूत्र ४८-५२ सूत्र संवेदना - ७ पक्खि आदि के प्रतिक्रमण के सूत्र, ___ उसकी विधि और हेतु ५३-५८ 11
SR No.006128
Book TitleSutra Samvedana Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamitashreeji
PublisherSanmarg Prakashan
Publication Year2015
Total Pages346
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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