________________
४०
हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है। दिखा रहे हैं । फिर यहां जड के बारे में कोई शंका न करके केवल मूर्ति को ही जड जान उससे कुछ लाभ न मानना अपनी मन्द बुद्धि का द्योतक नहीं तो और क्या है?
प्रश्न २४ : पांच महाव्रत की पच्चीस भावना और श्रावक के १६ अतिचार बतलाये हैं । पर मूर्ति की भावना या अतिचार को कहीं भी नहीं कहा इसका कारण क्या है ?
उत्तर : दर्शन को प्रस्तुत भावना में, शत्रुजय, गिरनार, अष्टापदादि तीर्थों की यात्रा करना आचारांग सूत्र में बतलाया है और मूर्ति के अतिचार रुप ८४ आशातना चैत्यवंदन भाष्यादि में बतलाई है, यदि मूर्तिपूजा ही इष्ट नहीं होती तो तीर्थयात्रा और ८४ आशातना क्यों बतलाते ?
प्रश्न २५ : तीन ज्ञान (मति, श्रुति और अवधिज्ञान) संयुक्त तीर्थंकर गृहवास में थे, उस समय भी किसी