________________
६
हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । कारण है, देखो राजप्रश्नीय सूत्र और जीवाभिगम सूत्र का मूल पाठ।
प्रश्न २१ : कई नहीं करते हैं कि 'परचो नहि पूरे पार्श्वनाथजी सब झूठी बाताँ।' ... उत्तर : इसके उत्तर में यही ‘परचौ पूरे हैं पार्श्वनाथजी, मुक्ति के दाता' ठीक हैं क्योंकि पर... का अर्थ लाभ पहुंचना है अर्थात् मनोकामना सिद्ध करना, जो भव्यात्मा प्रभु पार्श्वनाथ की सेवा पूजा भक्ति करते हैं, उन्हें पार्श्वनाथजी अवश्य परचो दिया करते हैं (उसे लाभ पहुंचाया करते हैं) उसकी मनोकामना सिद्ध करते हैं, भक्तो की प्रधान मनोकामना मोक्ष की होती है और सबसे बढकर लाभ भी यही है, यदि पार्श्वनाथ परचो नहीं देवे तो फिर उनकी माला क्यों फेरते हो ? स्तवन क्यों गाते हो ? तथा लोगस्स में हरवक्त उनका नाम क्यों लेते हो ?