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________________ १२ हाँ ! मूर्तिपूजा शास्त्रोक्त है । आप जिनप्रतिमा को जिन-सारखी कहते हो क्या यह मिथ्या नहीं है ? १० यदि मूर्ति जिन सारखी है तो उसमें कितने अतिशय ११ यदि जिनप्रतिमा जिनसारखी है तो फिर उस पर पशु पक्षी वीटें क्यों कर देते हैं ? उनको अर्पण किया हुआ नैवेद्य आदि पदार्थ मूषक मार्जार क्यों ले जाते है ? तथा उन्हें दुष्ट लोग हड्डियां की माला क्यों पहना देते हैं ? उनके शरीर पर से आभूषण आदि • चोर क्यों ले जाते हैं, एवं मुसलमान लोगों ने अनेक मन्दिर मूर्तियां तोड कैसे डाली ? इत्यादि। १२ प्रतिमा पूजने से ही मोक्ष होती हो ता फिर तप, संयम आदि कष्ट क्रिया की क्या जरुरत है ? १३ यदि मूर्तियां वीतराग की हैं और वीतराग तो त्यागी थे फिर उनकी मूर्तियों को भूषणादि से अलंकृत कर उन्हें भोगी क्यों, बनाया जाता है ? . १४ मन्दिरों में अधिष्ठायक देवों के होते हुए भी चोरियाँ
SR No.006121
Book TitleHaa Murti Pooja Shastrokta Hai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarmuni
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year2014
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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