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निगोद की रक्षा करो 1. जो जगह अधिक समय तक गीली रहती है, वहाँ निगोद की उत्पत्ति होती है । बाथरूम भी यदि
पूरा दिन गीला रहे तो उसमें भी निगोद की उत्पत्ति होती है । इसलिए घर का कोई भी स्थान
अधिक समय तक भीगा न रहे, इसकी सावधानी रखें । 2. नीचे देखकर चलना, रास्ते में कहीं पर भी निगोद जमी हुई हो तो एक तरफ हटकर स्वच्छ
जगह पर चलना चाहिये । 3. मकान के कम्पाउन्ड में चलने के रास्ते पर निगोद उत्पन्न न हो, उस हेतु बारिश का मौसम
शुरु होने से पहले ही निम्न उपाय कीजिए जैसे (1) निगोद न हो ऐसी मिट्टी को बिछा देना
अथवा ऐसी फ्लोरिंग करा देना । (2) डामर अथवा सफेद रंग का पट्टा लगा देना । 4. एक बार यदि निगोद हो जाय तो उस पर मिट्टी नहीं डालनी चाहिए, न साफ करना या न उखेड़नी चाहिए और न ही कलर या डामर का पट्टा लगाना चाहिए । स्वाभाविक तरीके से वह
सूख न जाएँ तब तक उस पर कुछ नहीं करना चाहिए । 5. लकड़ी के ऊपर रंग, वार्निश, पॉलिश करने से निगोद की उत्पत्ति नहीं होती है ।
फूलन को पहचानो बासी खाद्य पदार्थ आदि पर सफेद रंग की फुग (फूलन) दिखाई देती है । यह खास करके चौमासे में विशेष होती है । मिठाई, खाखरा, पापड़, वड़ी व अन्य खाद्य पदार्थ, दवाई की गोलिया, साबुन पर, चमड़े के पट्टे पर, पुस्तक के पुठे पर तथा अन्य वस्तु पर गीलेपन के कारण रातोरात सफेद फुग जम जाती है । फुग होने के बाद वह खाद्य पदार्थ अभक्ष्य बन जाता है । उस वस्तु का स्पर्श करना अथवा यहाँ-वहाँ रखन भी निषेध है । यह फुग अनंतकाय है । इसे निगोद भी कहते हैं । इसके एक सूक्ष्म कण में अनंत जीव होते हैं ।
फूलन की रक्षा करो * खाद्य पदाथों को टाईट ढक्कन वाले डिब्बे में रखे । डिब्बे में से वस्तु लेते समय हाथ थोड़ा
भी गीला न हो, उसका ध्यान रखे । ढक्कन बराबर बंद करें । * जिस चीज पर फूग जमी हो उसे अलग ही रखें तथा उसे कोई स्पर्श न करें इसका ध्यान रखें। * छंदा, मुरब्बा आदि को धूप में रखने से या चूल्हे पर चढ़ाते समय चाशनी कच्ची रहने से फूग
हो जाती है । * गरम-गरम 'मठाई डिब्बे में रख देने से फूग उत्पन्न हो सकती है | * बूंदी में चासणी यदि कच्ची रह गयी हो तो भी फूग हो जाती है ।
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