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________________ 10. माता-पिता उपकार A. माता-पिता, गुरु जनादि के 12 प्रकार के विनय 1. त्रिकाल वंदन: माता-पिता, गुरु आदि उपकारी जनों को दिन में तीन बार प्रणाम करना चाहिए। उन्हें प्रणाम करने से विद्युत ऊर्जा का सर्कल परिपूर्ण होता है। सिद्धचक्र महापूजन, सूरि मंत्र आराधनादि, सकलीकरण विधि द्वारा देहशुद्धि, मनशुद्धि व आत्मशुद्धि के अभिनय ही आज के प्राणिक हीलिंग रेकी के सूत्रधार है। नमस्कार की प्रथा यह संस्कृति है, विज्ञान है, आरोग्य है और अध्यात्म है। 2. खडे रहकर आसनादि देना: माता-पिता, गुरुजन आदि जब भी आएँ तो खडे होन', उन्हें उचित आसन पर बिठाना यह दूसरा विनय है। 3. लघुता दर्शन: माता-पिता, गुरुजनादि के बैठने के बाद हमें उनसे नीचे के आसन पर बैठना चाहिए और बाते करने में नम्रता भाव लाने चाहिए। उन्हें यह कभी न जताएँ कि वे आपसे कम समझदार है। 4. नामोच्चार, प्रशंसा: माता-पिता, गुरुजनादि की प्रशंसा सज्जन लोगों के बीच करनी चाहिए और अपवित्र स्थानों पर उनके नाम का उच्चारण नहीं करना चाहिए। 5. निन्दाश्रवण त्याग: माता-पिता, गुरुजनादि उपकारी जनों की निंदा नहीं सुननी और ना ही कोई निंदा करता हो तो हाँ में हाँ मिलाना, और ना ही अपनी तरफ से कुछ बातें मिलाकर बात आगे बढाना। निंदा को तुरंत रोकें, और पलटवार करें और तब भी असफल रहें तो वहाँ से उठकर चले जाएँ। 6. उत्कृष्ट अलंकार, वस्त्रादि अर्पण करना: माता-पिता, आदि उपकारी जनों को अपने इस्तेमाल से ज्यादा गुणवता वाली वस्तुएँ देनी चाहिए, जिससे उनके प्रति विनय भाव दर्शित हो। 7. हितकर क्रियाएँ कराएँ : अपने उपकारी जनों से जीवित अवस्था में पुण्य दानादि के कार्य कराएँ । तीर्थ-यात्रा, अनुकंपादान, प्रवचन श्रवण आदि में भरसक सहायक बनें, जिससे उनकी आत्मा निर्मल बने और विकास शील हो। 8. अनिच्छनीय प्रवृत्ति का त्याग: आपके जीवन में कोई आदत, स्वभाव या प्रवृत्ति माता-पिता, गुरु आदि उपकारी जनों को नहीं भाति हो, तो उसे तुरंत त्यागे और उन्हें खुश करें, क्योंकि उनके दिल में तो सिर्फ आपका हित ही बसा है। कोई अच्छी प्रवृत्ति हो और आप न करते हो, तो उनकी इच्छा के अनुरुप आप इस प्रवृत्ति को अवश्य अपनाएँ। 44
SR No.006118
Book TitleJain Tattva Darshan Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Mandal Chennai
PublisherVardhaman Jain Mandal Chennai
Publication Year
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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