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जैन तत्त्व दर्शन
6. शाम को सूर्यास्त के पूर्व ही भोजन कर लेना चाहिये । श्रावकों को महापापकारी रात्रि भोजन करना उचित नहीं है। भोजन के पश्चात् मंदिर में दर्शन करें। धूप-पूजा, आरती उतारें।
5. गुरु भगवंत गाँव में बिराजमान हो तो गुरु महाराज के पास व्याख्यान - उपदेश सुनें । प्रभु की वाणी सुनने सच्ची समझ मिलती है, शुभ- भावना बढती है, जीवन सुधरता जाता है ।
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