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10. माता-पिता का उपकार
माता-पिता के उपकारों से ऋण मुक्त होने के लिए कोई सुपुत्र रोज सुबह माता-पिता की तेलों से मालिश करे, सुगंधी जल से स्नान करावे, सुंदर वस्त्र, मूल्यवान आभूषण पहनावे, अत्यंत शुद्ध-सात्विक भोजन करावे, विविध प्रकार के मीठे फलों के मधुर रस पिलाये, जीवन भर अपने कंधे पर लेकर घूमे फिर भी माता-पिता के उपकार से ऋण मुक्त नहीं हो पाता
शिष्य प्रश्न : तो क्या ऋण मुक्त होने का कोई उपाय नहीं?
प्रभु उत्तर : एक ही उपाय है। वह यह है कि माता-पिता को धर्म के मार्ग पर ले आना । जो पुत्र अपने माता पिता को परमात्मा द्वारा प्रतिबोधित धर्मपथ पर ले आता है
और उन्हें महासुकृतों द्वारा पुण्यानुबंधी पुण्य का भाता देता है, परभव सुधारता है वहीं उनके उपकारों से मुक्त होता है। प्रभु के इन वचन अनुसार हमें भी माता-पिता के उपकार से ऋण मुक्त होने के लिये उन्हें धर्म मार्ग पर जोडना चाहिये। जैसे उनसे अनुरोध करके रात्रि भोजन त्याग, कंदूमल त्याग, नित्य प्रभु दर्शन-पूजन इत्यादिक धार्मिक कृत्य करवाने चाहिये।
I 11. जीवदया - जयणा
• जूठा नहीं डालना। • थाली धोकर पीना। • प्राणियों के आकार की वस्तुएँ नहीं खानी । • किसी को भी नहीं मारना। • बिना छाने पानी नहीं वापरना।
मच्छर, जूं, चूहा आदि को मारने की दवा का उपयोग नहीं करना। • ठंडा और गर्म पानी का मिश्रण नहीं करना।