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________________ ( 14 ) जैन भूगोल अपनी दुनिया 1. उर्ध्वलोक में देवलोक और सिद्धशीला है। 2. मध्य लोक में असंख्य द्वीप व समुद्र है। 3. अधोलोक में भवनपति आदि देवों के निवास स्थान एवं 7 नरक पृथ्वीयाँ है । 1. हम कहां रहे हुए है ? लोक में 2. कौन से लोक में है ? मध्यलोक में (मध्यलोक को तीर्च्छालोक भी कहा जाता है।) 3. मध्यलोक में कहां पर है ? मध्यलोक में असंख्य द्वीप, समुद्र के बीचो बीच रहे जंबुद्वीप नाम के द्वीप में है। 4. जंबुद्वीप में कितने क्षेत्र है ? जंबुद्वीप के कुल 7 क्षेत्र है। 1. भरतक्षेत्र 2. हिमवंत क्षेत्र 3. हरिवर्षक्षेत्र 4. महाविदेहक्षेत्र 5. रम्यक्क्षेत्र 6. हिरण्यवंत क्षेत्र 7. ऐरावत क्षेत्र १४ राजलोक 100 00 006 असंख्य द्वीप समुद्र जंबुद्वीप 216
SR No.006115
Book TitleJain Tattva Darshan Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Mandal Chennai
PublisherVardhaman Jain Mandal Chennai
Publication Year
Total Pages56
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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