________________
20
D. इतना नहीं देखना
सिनेमा नहीं देखना,
दूसरों के दोष नहीं देखना,
गलत कार्य नहीं देखना,
दूसरों का पैसा नहीं देखना,
सिनेमा देखने से
आँखें बिगड़ती हैं।
पैसे बिगड़ते हैं।
मन बिगड़ता है।
जीवन बिगड़ता है ।
दूसरों के दोष देखने से
अपने में कई दोष आते हैं,
अपने सब गुण चले जाते हैं।
खराब काम देखने से
अपने से खराब काम होते हैं,
खराब भाव पैदा होते हैं।
दूसरों का धन देखने से
चोरी करने की इच्छा होती है,
धन का लोभ पैदा होता है।
सिनेमा दूसरों के दोष
दूसरों का धन
अंतःकरण की
खराब काम
आँखें खालो