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________________ (नीचे) (17) प्रश्नोत्तरी प्रश्न1 : रिक्त स्थानों की पूर्ति किजिए 1. श्री विमलनाथ स्वामीजी का वर्ण ............. है। (कंचन) 2. श्री पार्श्वनाथ भगवान की माता का नाम ............... है। (वामामाता) 3. सुबह उठकर हमें ....... कर्मों के क्षय के लिए ....... नवकार गिननी चाहिये। (8,8) 4. चलते समय .............. देखकर चलना चाहिए। 5. दया करने से हाथी मरकर ............. बना। (मेघकुमार) 6. नवपद में अरिहंत के गुण ............. है। (12) 7. राजगृही नगरी के राजा ............ है। (श्रेणिक) 8. कर्म ............... प्रकार के है। (8) 9. शाम को .............. के लिए जिनमन्दिर जाना चाहिए। (प्रभु दर्शन एवं आरती) 10. जैनम् जयति. ............ । (शासनम्) प्रश्न 2 : सही या गलत, चुनकर जवाब लिखिए। (गलत) (सही) 1. दूसरे भगवान का नाम श्री संभवनाथजी है। 2. आ से आचार्य भगवंत होते है। 3. हमें माता-पिता का विनय करना चाहिए। 4. हमें नवरात्रि में जाना चाहिए। 5. श्री पार्श्वनाथ भगवान का आयुष्य सौ वर्ष का था। 6. अवधिज्ञान यह नवपद का नाम है। 7. हमें रात्रिभोजन का त्याग करना चाहिए। 8. हमें कंदमूल नहीं खाना चाहिए। 9. हमें गुरुजी को प्रणाम करना चाहिए। 10. तत्व नौ होते है। प्रश्न 3 : जोड़े मिलाओ। 1. वेदनीय कर्म नवपद 2. दर्शन ज्ञान का भेद 3. श्री मुनिसुव्रतस्वामी कर्म का भेद 4. श्रुतज्ञान 5. वन्दे काला (सही) (गलत) (सही) (गलत) (सही) (सही) (सही) (सही) (कर्म का भेद) (नवपद) (काला) (ज्ञान के भेद) (वीरम्) वीरम्
SR No.006114
Book TitleJain Tattva Darshan Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVardhaman Jain Mandal Chennai
PublisherVardhaman Jain Mandal Chennai
Publication Year
Total Pages56
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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