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હૈમ સંસ્કૃત ધાતુ રૂપાવલી : ભાગ-૧ ધાતુસાધિત શબ્દ
पातु
नम
पतित
रक्षण
रक्षित
वसित
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阿B昭四丽丽丽丽丽呢腓丽
खाद
अ (अल् अन | अ | अक| तृ । ति अच्) (अनट्) (घब) (णक) (तृच्) (क्ति) नमन
नमक नन्त | नति पठन पाठ पाठक | पठित | पठिति पतन पातक
पतिति रक्षक
रक्षिति वदन
वादक वदित उदिति वसन वास वासक
उषिति भणन भाण भाणक भणितृ | भणिति खादन
खादक खादित | खादिति दहन
दाहक दग्धृ | दग्धि अटन
आटक अटितृ | अटिति अर्चन
अर्चक अर्चित अर्चिति चलन
चालक चलितृ | चलिति चरण चार चारक चरितृ | चरिति
जीवन जीवक | जीवितृ | जीविति । त्यज त्यजन त्याज त्याजक त्यक्तृ | त्यक्ति
क्षर. क्षरण क्षार क्षारक क्षरित | क्षरिति क्रीड क्रीडन क्रीड क्रीडक | क्रीडित | क्रीडिति
जपन जाप जपक जपितृ । जपिति जेम जेमन जेम | जेमितृ | जिमिति निन्दन
निन्दितृ निन्दिति
वर्षक | वर्षित | वृष्टि शोचन शोच शोचक शोचितृ शोचिति जयन
जायक 'जेतृ । जिति तरण
तारक तरित | तीर्ण
दाह
चाल
जीव
जीव
त्यज्
क्रीड्
जप
निन्द
वर्षण
वर्ष
जाय
तार